गांवों में 76% से अधिक परिवारों की बढ़ी खपत: नाबार्ड सर्वेक्षण

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
देश के 76.6% ग्रामीण परिवारों ने अपनी खपत में वृद्धि की जानकारी दी है, जो उपभोग आधारित आर्थिक गतिविधियों में निरंतर मजबूती का संकेत है. यह जानकारी राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा हाल ही में जारी ‘ग्रामीण आर्थिक स्थिति और धारणा सर्वेक्षण’ के जुलाई 2025 चरण से सामने आई है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, मुद्रास्फीति को लेकर लोगों की चिंता अब पहले से काफी कम हो गई है.

ग्रामीण भारत में महंगाई पर काबू, खपत में तेजी

सर्वेक्षण में शामिल 78.4% से अधिक ग्रामीण परिवारों का मानना है कि वर्तमान मुद्रास्फीति दर 5% या उससे कम है, जो देश में मूल्य स्थिरता की ओर एक सकारात्मक संकेत है. वास्तविक आंकड़े भी इस धारणा को समर्थन देते हैं. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित ग्रामीण मुद्रास्फीति मार्च 2025 में 3.25% से घटकर अप्रैल में 2.92% और मई में और नीचे गिरकर 2.59% पर पहुंच गई. इसी तरह, खाद्य मुद्रास्फीति भी मई में घटकर मात्र 1.36% रह गई, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए राहत की बात है.

ग्रामीण परिवारों की बचत में सुधार

सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण परिवारों का वित्तीय स्वास्थ्य भी बेहतर हुआ है. ग्रामीण क्षेत्रों के 20.6% परिवारों ने अधिक बचत होने की सूचना दी है, जबकि 52.6% ने केवल संगठित क्षेत्रों से ऋण लिया है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ऋण के विभिन्न असंगठित स्रोतों में से दोस्तों एवं रिश्तेदारों की हिस्सेदारी साहूकारों की हिस्सेदारी से अधिक थी. सर्वेक्षण के जुलाई, 2025 के दौर में असंगठित ऋण पर दी जाने वाली औसत ब्याज दर में लगभग 0.30% की गिरावट दर्ज की गई.

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