BRO 125 Projects: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 7 दिसंबर को सीमा सड़क संगठन (BRO) के 125 रणनीतिक प्रोजेक्ट्स राष्ट्र को समर्पित किए. यह संगठन के इतिहास में एक दिन में सबसे बड़े उद्घाटन का रिकॉर्ड है. इन प्रोजेक्ट्स में 28 सड़कें, 93 पुल और 4 अन्य निर्माण कार्य शामिल हैं, जिन पर लगभग 5,000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. ये परियोजनाएं लद्दाख, जम्मू-कश्मीर और सात राज्यों अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और मिजोरम में पूरी की गई हैं.
दूरदराज इलाकों तक बेहतर कनेक्टिविटी
इन प्रोजेक्ट्स का उद्देश्य सीमावर्ती गांवों और सैन्य ठिकानों तक पहुंच को आसान बनाना है. इससे यात्रा का समय कम होगा और सैनिकों, उपकरणों तथा जरूरी सामान की आवाजाही तेज़ और सुरक्षित होगी. इसके अलावा, ये सड़क और पुल परियोजनाएं पर्यटन, स्थानीय रोजगार सृजन और आपदा राहत कार्यों में भी सहायक साबित होंगी.
श्योक टनल बनी जीवनरेखा
सबसे अहम प्रोजेक्ट्स में लद्दाख की श्योक टनल है. 920 मीटर लंबी यह कट-एंड-कवर टनल बेहद कठिन ऊंचाई वाले इलाके में बनाई गई है. यह दरबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड पर सालभर भरोसेमंद कनेक्टिविटी देगी. यहां भारी बर्फबारी, हिमस्खलन और बेहद ठंड रहती है, ऐसे में यह टनल सेना की तैयारियों और आवाजाही के लिए जरूरी है.
शौर्य का प्रतीक
अरुणाचल प्रदेश में गलवान वॉर मेमोरियल का वर्चुअल उद्घाटन भी किया गया. यह स्थल भारतीय सैनिकों की बहादुरी और बलिदान को याद करने के लिए बनाया गया है और पूर्वी सेक्टर में भारत की मौजूदगी को और मजबूत करता है.
तकनीक और आत्मनिर्भरता
BRO अब स्वदेशी तकनीक से बने क्लास-70 मॉड्यूलर ब्रिज भी लगा रहा है. इन्हें गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) ने तैयार किया है. ये भारी भार ढोने वाले पुल सेना की तेज आवाजाही में मदद करेंगे और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम हैं.
बजट और मानवीय भूमिका
BRO का खर्च वित्त वर्ष 2024-25 में 16,690 करोड़ रुपये तक पहुँच गया और वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 18,700 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है. पिछले दो वर्षों में संगठन ने 356 प्रोजेक्ट पूरे किए हैं. BRO ने आपदा राहत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जैसे उत्तराखंड में माणा हिमस्खलन, सिक्किम में पर्यटकों की निकासी और जम्मू-कश्मीर में बादल फटने की घटनाओं में संगठन की मदद उल्लेखनीय रही.