अगस्त में घरेलू हवाई यात्री यातायात में हुई 0.3% की वृद्धि, आउटलुक स्थिर: Report

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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भारत का विमानन क्षेत्र तमाम परिचालन चुनौतियों के बावजूद मजबूत स्थिति में बना हुआ है. शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या में साल-दर-साल 0.3% की वृद्धि दर्ज की गई है. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA ने aviation सेक्टर के लिए अपना आउटलुक “स्थिर” बनाए रखा है. यह अनुमान इस उम्मीद पर आधारित है कि FY25-26 में घरेलू हवाई यात्री यातायात में 4% से 6% तक की सीमित लेकिन स्थिर वृद्धि देखने को मिल सकती है.

अगस्त 2025 में 131.7 लाख रहा घरेलू हवाई यात्री यातायात

विश्लेषकों ने संकेत दिया है कि आपूर्ति-श्रृंखला और इंजन फेलियर की मौजूदा समस्याओं के बावजूद एटीएफ की कम लागत और मजबूत यील्ड एयरलाइनों को अल्पकालिक चुनौतियों को मैनेज करने में मदद करेंगे. रिपोर्ट में कहा गया कि अगस्त 2025 में घरेलू हवाई यात्री यातायात 131.7 लाख रहा, जबकि अगस्त 2024 में यह 131.3 लाख था, जो सालाना आधार पर 0.3% की वृद्धि दर्शाता है. क्रमिक आधार पर, अगस्त 2025 में घरेलू हवाई यात्री यातायात 4.5% अधिक था.

रिपोर्ट के मुताबिक, FY25-26 के पहले 5 महीनों के दौरान घरेलू हवाई यात्री यातायात 677.5 लाख तक पहुंच गया, जो सालाना आधार पर 2.2% की वृद्धि को दर्शाता है. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA ने हाल ही में हुई हवाई दुर्घटना की त्रासदी, सीमा पार बढ़ते तनाव और यात्रियों में उत्पन्न हिचकिचाहट को ध्यान में रखते हुए FY26 के लिए अंतर्राष्ट्रीय यात्री यातायात वृद्धि अनुमान को घटा दिया है. पहले यह अनुमान 15-20% के बीच था, जिसे अब संशोधित कर 13-15% कर दिया गया है. सितंबर 2025 में विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) की कीमतें क्रमिक आधार पर करीब 1.4% घटी थीं.

वेट लीज़ और लागत में बढ़ोतरी

रिपोर्ट के मुताबिक, इंजन की खराबी और आपूर्ति-श्रृंखला में व्यवधान के कारण विमान बेड़े का एक बड़ा हिस्सा रुका हुआ है, जिससे वेट लीज और रखरखाव की लागत बढ़ गई है. रिपोर्ट में कहा गया कि वित्त वर्ष 25 में, उद्योग को पायलटों और केबिन क्रू की उपलब्धता से संबंधित चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप कई उड़ानें रद्द और विलंबित हुईं. हालांकि, अच्छी यील्ड, हाई पैसेंजर लोड फैक्टर (पीएलएफ) और इंजन ओईएम से आंशिक मुआवजा, कुछ हद तक इस प्रभाव को कम करने में मदद कर रहे हैं.

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