E-commerce Growth India: भारत में फेस्टिव सीजन के दौरान उपभोक्ता मांग लगातार मजबूत बनी हुई है. एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इस सीजन में ई-कॉमर्स बिक्री के 1.2 लाख करोड़ रुपए से अधिक पहुंचने की संभावना जताई गई है. इसके साथ ही, MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) सेक्टर में भी क्रेडिट की मांग में तेजी देखी जा रही है. रिपोर्ट के अनुसार, इस मांग में 35-40% की बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे कुल क्रेडिट डिमांड 3.45 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है. स्मॉलकेस द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि त्योहारों की मांग, सरकार की नीतिगत पहल और दीर्घकालिक विकास के मजबूत संकेतों के चलते ऑटो कंपोनेंट, एफएमसीजी, रक्षा, क्लीन एनर्जी और अन्य कुल नौ सेक्टर्स को बड़ा फायदा हो सकता है.
भारत के ऑटो क्षेत्र की मांग बनी हुई है मजबूत
रिपोर्ट में कहा गया, नवरात्रि 2025 निवेशकों को भारत की सबसे मजबूत विकास कहानियों के साथ अपने पोर्टफोलियो को संरेखित करने का एक सही समय पर अवसर प्रदान करती है, जो मजबूत उपभोग आंकड़ों, नीतिगत अनुकूल परिस्थितियों और पूंजी बाजारों में रिकॉर्ड-उच्च खुदरा भागीदारी द्वारा समर्थित है. रिपोर्ट में बताया गया कि भारत के ऑटो क्षेत्र की मांग मजबूत बनी हुई है और जीएसटी सुधार के कारण ग्राहक सेंटीमेंट में और सुधार हुआ है. अगस्त 2025 में वाहनों की खुदरा बिक्री में सालाना आधार पर 2.84% की वृद्धि हुई, जिसमें दोपहिया वाहन की बिक्री में 2.18% और यात्री वाहन की बिक्री में 0.93 प्रतिशत की बढ़त शामिल थी.
यात्री वाहनों की थोक बिक्री 3.22 लाख रही
वहीं, यात्री वाहनों की थोक बिक्री 3.22 लाख रही, जबकि दोपहिया वाहनों की थोक बिक्री 18.34 लाख यूनिट तक पहुंच गई. पैसेंजर व्हीकल (पीवी) इन्वेंट्री का स्तर 56 दिनों पर पहुंच गया है, जो आगामी त्योहारी सीज़न में डिलीवरी में मजबूती का संकेत देता है. त्योहारों के समय उपभोग में तेज़ी आने की उम्मीद है, जिसे 1.69% के स्तर पर मुख्य उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) और ग्रामीण इलाकों में मांग में सुधार से समर्थन मिल रहा है. वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में FMCG सेक्टर में 13.9% की मूल्य वृद्धि दर्ज की गई, जिसे अगस्त महीने में रिकॉर्ड 20 अरब डिजिटल लेनदेन (24.85 लाख करोड़ रुपये मूल्य के) ने और बल दिया. इस नवरात्रि और दिवाली पर, भारत में सोने की मांग में तेज उछाल की संभावना जताई जा रही है, जो सांस्कृतिक परंपराओं के साथ-साथ वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों से भी प्रभावित है.
FY30 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 25% तक पहुंचने की उम्मीद
रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएम ई-ड्राइव जैसे प्रोत्साहनों से FY30 तक दोपहिया वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 25% तक पहुंचने की उम्मीद है. स्मॉलकेस के अनुसार, FY26 में 11.21 लाख करोड़ रुपए (GDP का 3.1%) के केंद्रीय आवंटन और राज्यों के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपए की ब्याज-मुक्त ऋण व्यवस्था के साथ, सरकार द्वारा संचालित पूंजीगत व्यय मजबूत बना हुआ है. सीमेंट पर जीएसटी में कटौती (28% से घटाकर 18%) परियोजना लागत में 3-5% की कमी ला सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पूंजी बाजार, इन्फ्रास्ट्रक्चर और उपभोग उपकरण क्षेत्र की कंपनियों में भी इस नवरात्रि में अच्छी खुदरा भागीदारी और वृद्धि देखी जाएगी.