वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को जारी मासिक इकोनॉमिक रिव्यू में कहा कि महंगाई दर के न्यूनतम स्तर पर बने रहने, मजबूत ग्रामीण और शहरी मांग, तथा सरकारी पूंजीगत व्यय उच्च स्तर पर रहने के कारण वित्त वर्ष 2026 के शेष हिस्से में देश की अर्थव्यवस्था की गति मजबूत बनी रहेगी. रिव्यू में यह भी कहा गया कि देश का व्यापक आर्थिक माहौल स्थिर है और इसे घरेलू मांग, नियंत्रित महंगाई और अनुकूल सरकारी नीतियों से समर्थन मिल रहा है. जीएसटी सुधार से खपत में वृद्धि हो रही है, जबकि मजबूत कृषि गतिविधियों ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखा है.
पूरे वर्ष के दौरान नियंत्रण में रही महंगाई
अक्टूबर के रिव्यू में मंत्रालय ने कहा कि कॉरपोरेट प्रदर्शन अच्छा बना हुआ है और कंपनियों की बैलेंसशीट अच्छी बनी हुई है. संस्थागत भागीदारी मजबूत होने के कारण घरेलू वित्तीय बाजार मजबूत बने हुए हैं. सरकार ने बताया कि अस्थिर वैश्विक माहौल एक्सटर्नल सेक्टर के लिए चुनौती बना हुआ है. हालांकि, मजबूत सर्विस एक्सपोर्ट व्यापारिक निर्यात में आने वाले उतार-चढ़ाव को संतुलित करने में मदद कर रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, इस साल अप्रैल से अक्टूबर तक महंगाई दर 4.8 प्रतिशत रही, जो दर्शाता है कि पूरे वर्ष के दौरान महंगाई नियंत्रण में रही.
FY26 में महंगाई दर 2.6% पर रहने का अनुमान
आरबीआई एमपीसी ने FY26 में महंगाई दर के 2.6% पर रहने का अनुमान लगाया है, जो दर्शाता है कि बाकी बचे वित्त वर्ष में भी महंगाई निचले स्तर पर रहेगी. अक्टूबर की एमपीसी बैठक में केंद्रीय गवर्नर संजय मल्होत्रा ने चालू वित्त वर्ष 2026 के लिए रिटेल महंगाई दर का अनुमान घटाकर 2.6% कर दिया, जबकि अगस्त में यह 3.1% था. वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए महंगाई का अनुमान 2.1% से घटाकर 1.8% किया गया है. इसी तरह, तीसरी तिमाही के लिए अनुमान 3.1% से घटाकर 1.8% और चौथी तिमाही के लिए 4% तय किया गया है. आरबीआई ने आगे यह भी अनुमान लगाया कि वित्त वर्ष 2027 की पहली तिमाही में महंगाई दर लगभग 4.5% रह सकती है.
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