विदेशी निवेशक भारत के फाइनेंशियल सेक्टर में जमकर लगा रहे दांव

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
विदेशी निवेशक भारत के वित्तीय क्षेत्र को लेकर बुलिश रुख बनाए हुए हैं और वर्ष 2025 में अब तक 65,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर चुके हैं. इन निवेशकों में ब्लैकस्टोन, अमीरात एनबीडी, इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी, सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (SMBC) और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी जैसी प्रमुख वैश्विक संस्थाएँ शामिल हैं. इन सभी ने फेडरल बैंक, आरबीएल बैंक, सम्मान कैपिटल, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक जैसे अग्रणी निजी भारतीय बैंकों में निवेश किया है.
दिग्गज वैश्विक एसेट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकस्टोन ने फेडरल बैंक में 9.99% हिस्सेदारी के लिए 6,196 करोड़ रुपए का निवेश करने का ऐलान किया है. फेडरल बैंक की ओर से ब्लैकस्टोन को 27.29 करोड़ वारंट्स जारी किए जाएंगे. इनका टिकट प्राइस 227 रुपए प्रति वारंट रखा गया है. यूएई के दूसरे सबसे बड़े बैंक अमीरात एनबीडी की ओर से आरबीएल बैंक में 26,853 करोड़ रुपए के निवेश का ऐलान किया गया है. इस डील के तहत अमीरात एनबीडी आरबीएल बैंक में 60% हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा.
इस महीने की शुरुआत में सम्मान कैपिटल ने घोषणा की थी कि अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (IHC), कंपनी में 1 अरब डॉलर यानी 8,850 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है. इसके बदले IHC को कंपनी में प्रेफरेंशियल इक्विटी शेयर्स और वारंट्स के माध्यम से 41% हिस्सेदारी दी जाएगी. इससे पहले, मई में सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (SMBC) जापान ने यस बैंक में 20% हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था. बाद में जापानी बैंक ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 24.2% कर ली, और इस डील का कुल आकार करीब 15,000 करोड़ रुपये था.
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने अप्रैल में प्राइवेट इक्विटी फर्म वारबर्ग पिंकस और सॉवरेन फंड अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी से 7,500 करोड़ रुपए का निवेश जुटाने का ऐलान किया था. इसमें करीब 5,000 करोड़ रुपए वारबर्ग पिंकस की ओर से निवेश किए गए, जबकि करीब 2,600 करोड़ रुपए सॉवरेन फंड अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी की ओर से निवेश किए गए.

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