फिर घट गया भारत का विदेशी मुद्रा भंडार, 3.064 अरब डॉलर की आई कमी

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Forex Reserves: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में एक बार फिर गिरावट आई है. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3.064 अरब डॉलर कम होकर 696.672 अरब डॉलर पर आ गया है. यह गिरावट बीते 11 जुलाई को समाप्‍त सप्ताह के दौरान दर्ज की गई. एक खबर के अनुसार, इससे पिछले सप्ताह, भारत का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 3.049 अरब डॉलर घटकर 699.736 अरब डॉलर पर आ गया था.

विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में सबसे बड़ी गिरावट

केंद्रीय बैंक के अनुसार, विदेशी मुद्रा आस्तियां, जो समग्र भंडार का एक प्रमुख घटक हैं, 11 जुलाई को समाप्त सप्ताह में 2.477 अरब डॉलर घटकर 588.81 अरब डॉलर रह गईं. डॉलर मूल्य में व्यक्त इन परिसंपत्तियों में यूरो, पाउंड, येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की मूल्य में उतार-चढ़ाव का भी असर शामिल होता है. गोल्‍ड रिजर्व इस सप्ताह 498 मिलियन डॉलर कम होकर 84.348 अरब डॉलर पर आ गया.

स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDR) में 66 मिलियन डॉलर की गिरावट आई और यह घटकर 18.802 अरब डॉलर रह गए. आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, आईएमएफ में भारत की आरक्षित स्थिति 24 मिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 4.711 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गई. बता दें कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर 2024 के अंत में 704.885 अरब डॉलर के साथ अब तक के सर्वाधिक स्तर पर पहुंचा था.

विदेशी मुद्रा भंडार

विदेशी मुद्रा भंडार किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा रखी गई विदेशी मुद्राओं, सोने और अन्य आरक्षित संपत्तियों का कलेक्शन होता है. इन भंडारों का इस्‍तेमाल मुख्य रूप से देश के भुगतान संतुलन को संतुलित करने, अपनी मुद्रा की विनिमय दर को प्रभावित करने और वित्तीय बाजारों में विश्वास बनाए रखने के लिए किया जाता है. केंद्रीय बैंक (भारत का आरबीआई) विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल अपनी मुद्रा की विनिमय दर को स्थिर करने के लिए कर सकता है. जैसे अगर रुपये का मूल्य गिर रहा है, तो आरबीआई डॉलर बेचकर और रुपये खरीदकर रुपये को मजबूत कर सकता है.

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