सोने और चांदी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, फेड के ब्याज दर कटौती की उम्मीदों से मिला सपोर्ट

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
अमेरिका और वेनेजुएला के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव तथा अमेरिका में अगले वर्ष फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं के बीच, सप्ताह के तीसरे कारोबारी दिन बुधवार को सोने और चांदी की कीमतें नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं. अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 0.5% से अधिक की तेजी के साथ 4,500 डॉलर प्रति औंस के पार निकल गया. वहीं घरेलू बाजार में एमसीएक्स पर फरवरी कॉन्ट्रैक्ट वाला सोना बढ़कर 1,38,676 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है. इसी तरह मार्च कॉन्ट्रैक्ट की चांदी भी 2 प्रतिशत से ज्यादा उछलकर 2,24,300 रुपये प्रति किलोग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई.
खबर लिखे जाने तक एमसीएक्स पर सोना 0.45% यानी 625 रुपये की बढ़त के साथ 1,38,510 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था, जबकि चांदी 4,207 रुपये यानी 1.92% की तेजी के साथ 2,23,860 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेड हो रही थी. हाल के दिनों में सोने और चांदी की कीमतों में लगातार तेजी देखी गई है और दोनों धातुएं एक के बाद एक नए रिकॉर्ड बना रही हैं. कारोबारी सत्र के दौरान डॉलर इंडेक्स में करीब 0.20% की गिरावट दर्ज की गई, जिससे डॉलर कमजोर हुआ और विदेशी बाजारों में सोना-चांदी सस्ते पड़े. इसके चलते इन कीमती धातुओं की मांग में और इजाफा हुआ.
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्राइम रिसर्च के प्रमुख देवर्ष वकील ने कहा कि दुनिया में बढ़ती अनिश्चितता और अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के चलते लोग सुरक्षित निवेश के रूप में सोने और चांदी में निवेश कर रहे हैं. इसी कारण हाजिर सोने ने 4,500 डॉलर प्रति औंस का आंकड़ा पार कर लिया. वहीं चांदी ने भी नया रिकॉर्ड बनाया और अंतरराष्ट्रीय बाजार में 72 डॉलर के पार पहुंच गई. उन्होंने आगे कहा कि दिसंबर में ही चांदी की कीमतों में करीब 24% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि एक साल में यह बढ़त 135% तक पहुंच गई है, जिसकी वजह मांग ज्यादा और आपूर्ति कम होना है.
घरेलू स्तर पर सोने की कीमतों में इस साल अब तक 76 प्रतिशत से ज्यादा और अंतरराष्ट्रीय बाजार में 70% से ज्यादा की बढ़ोतरी हो चुकी है, जो कि 1979 के बाद सबसे अच्छा साल माना जा रहा है. सोने और चांदी के साथ-साथ प्लेटिनम भी कई दशकों बाद पहली बार 2,300 डॉलर प्रति औंस के ऊपर चला गया, जबकि पैलेडियम की कीमतों में भी बढ़त दर्ज की गई. रिपोर्ट्स के अनुसार, इस महीने अमेरिकी कोस्ट गार्ड ने प्रतिबंधों के तहत वेनेजुएला का तेल ले जा रहे एक सुपर टैंकर को जब्त किया था. इसके अलावा, वेनेजुएला से जुड़े दो अन्य जहाजों को रोकने की कोशिश भी की गई, जिससे अमेरिका और वेनेजुएला के बीच तनाव और गहरा गया.
वहीं, सोमवार को रूस के एक सैन्य अधिकारी की बम धमाके में हुई मौत से वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता और बढ़ गई, जिसका सीधा असर सोना और चांदी जैसी सुरक्षित निवेश वाली धातुओं की कीमतों पर पड़ा. एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने को 1,35,550 से 1,34,710 रुपये के दायरे में सपोर्ट मिल सकता है, जबकि चांदी के लिए यह स्तर 2,11,150 से 2,10,280 रुपये के बीच माना जा रहा है. केंद्रीय बैंकों की ओर से बढ़ी हुई सोने की खरीद, अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं, अमेरिकी टैरिफ को लेकर चिंताएं, भू-राजनीतिक तनाव और गोल्ड-सिल्वर ईटीएफ में मजबूत निवेश ने इस साल कीमती धातुओं की कीमतों को मजबूती दी है.
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