नए Green Energy Projects की फाइनेंसिंग को रोकने के लिए नहीं जारी की कोई एडवाइजरी: केंद्र

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने रविवार को स्पष्ट किया कि उसने नए ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स के फाइनेंसिंग को रोकने के लिए कोई एडवाइजरी जारी नहीं की है. सरकार की ओर से यह बयान उन मीडिया रिपोर्ट्स के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने अधिक्षमता की चिंताओं के बीच ऋणदाताओं को नए ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स की फाइनेंसिंग को रोकने के लिए एडवाइजरी जारी की है.
मंत्रालय ने कहा कि भारत ने अपनी स्थापित विद्युत क्षमता का 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से प्राप्त कर लिया है. भारत ने यह लक्ष्य पेरिस समझौते के तहत निर्धारित राष्ट्रीय योगदान से पाँच साल पहले ही हासिल कर लिया है. 31 अक्टूबर 2025 तक, गैर-जीवाश्म ऊर्जा स्रोतों से स्थापित कुल क्षमता लगभग 259 गीगावाट पहुंच चुकी है, जिसमें चालू वित्त वर्ष में अक्टूबर 2025 तक 31.2 गीगावाट की वृद्धि शामिल है.
मंत्रालय ने कहा कि एमएमआरई वित्तीय सेवाएं विभाग और पीएफसी, आरईसी तथा आईआरईडीए जैसी एनबीएफसी को सौर पीवी विनिर्माण के विभिन्न क्षेत्रों में वर्तमान स्थापित घरेलू विनिर्माण क्षमताओं की स्थिति की जानकारी दी है, जिसमें सौर मॉड्यूल और सौर सेल, इनगॉट-वेफर्स, पॉलीसिलिकॉन जैसे अपस्ट्रीम चरण और साथ ही सौर ग्लास तथा एल्युमीनियम फ्रेम जैसे सहायक उपकरण शामिल हैं, जिससे वित्तीय संस्थान सौर पीवी विनिर्माण क्षेत्र में किसी भी विनिर्माण संयंत्र के वित्तपोषण के प्रस्तावों का मूल्यांकन करते समय एक संतुलित तथा सुविचारित दृष्टिकोण अपना सके.
साथ ही, यह केवल सौर पीवी मॉड्यूल विनिर्माण संयंत्रों तक सीमित नहीं रहेगा. निवेशक अब सौर सेल, इनगॉट-वेफर्स, पॉलीसिलिकॉन जैसे अपस्ट्रीम चरणों के साथ-साथ सौर ग्लास, एल्युमीनियम फ्रेम और अन्य सौर मॉड्यूल सहायक उपकरणों में भी अपने सौर पीवी विनिर्माण पोर्टफोलियो का विस्तार कर सकते हैं और नए अवसर तलाश सकते हैं.
मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार सौर पीवी विनिर्माण में भारत को आत्मनिर्भर बनाने और देश को वैश्विक मूल्य श्रृंखला में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है. इस प्रतिबद्धता को कई व्यापक पहलों के माध्यम से सुदृढ़ किया जा रहा है, जिनमें उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना और भारतीय निर्माताओं को समान अवसर सुनिश्चित करने के उपाय शामिल हैं.
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