GST Reduction: हाल ही में जीएसटी दरों में कई बदलाव किए गए हैं, जो किसानों के लिए खुशखबरी लेकर आए हैं. कृषि कार्य में इस्तेमाल होने वाले सामान, जैव कीटनाशकों और उर्वरकों पर GST दर कम होने से खेती की लागत में काफी कमी आने की उम्मीद है. पिछले कुछ वर्षों में कृषि मशीनरी की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे किसानों की लागत बढ़ गई थी.
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACPI) के आंकड़ों के मुताबिक, मई 2023 से नवंबर 2024 के बीच थोक मूल्य सूचकांक (WPI) में कुल 2.1% की वृद्धि देखी गई, जबकि कृषि इनपुट्स का कुल सूचकांक 2.8% गिरा है. इसके पहले अक्टूबर 2022 से अप्रैल 2023 के दौरान कृषि इनपुट्स का WPI 3.4% बढ़ा था, जबकि कुल सूचकांक में 2.6% की गिरावट आई थी.
महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसे बड़े ट्रैक्टर निर्माताओं ने भी GST दर में कटौती के बाद अपने उत्पादों की कीमतों में 50,000 से 60,000 रुपये तक की कमी की घोषणा की है, जो किसानों के लिए बड़ी राहत है.
मछली और सी-फूड उत्पादों पर GST कटौती से बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा
पशुधन मंत्रालय के मुताबिक, फिश ऑयल, फिश एक्सट्रैक्ट्स, प्रिजर्व्ड मछली और झींगा उत्पादों पर GST 12% से घटाकर 5% किया गया है. इससे घरेलू ग्राहकों के लिए ये उत्पाद सस्ते होंगे और भारत के सी-फूड निर्यातकों की प्रतिस्पर्धा क्षमता में भी सुधार होगा. इसके साथ ही मछली पकड़ने के जाल, समुद्री खाद्य उत्पादों और जलीय कृषि इनपुट्स पर भी GST 5% होगा, जबकि पहले यह 12-18% था.
चीनी क्षेत्र में GST कटौती से बढ़ेगी मांग
कन्फेक्शनरी और बेकरी उत्पादों पर GST 18% से घटाकर 5% करने से चीनी की मांग बढ़ने की उम्मीद है. वहीं, फ्लोर मिलर्स का कहना है कि पैकेज्ड रोटी और परांठे पर GST पूरी तरह से खत्म नहीं किया गया है, इसलिए आटा, मैदा, सूजी जैसे 25 किलो के पैकेटों की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. रोलर्स फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के नवनीत चितलंगिया ने बताया कि घरों में रोटी बनाने वाले परिवारों को अभी भी 5% GST देना होगा, जिससे उन्हें छूट का लाभ नहीं मिल पाएगा.
कृषि उपकरणों पर GST दर में कटौती नहीं हुई
कुछ विशेषज्ञों ने कहा है कि अभी भी प्रमुख कृषि उपकरणों पर GST दर कम नहीं की गई है. किसान क्राफ्ट लिमिटेड के एमडी अंकित चितालिया ने सुझाव दिया कि भारत में कृषि के मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिए सभी जरूरी उपकरणों पर GST दर 5% होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि GST परिषद को इनपुट टैक्स क्रेडिट के नियमों में भी सुधार करना चाहिए, जिससे नकदी फंसी न रहे और उद्योग की वित्तीय लागत कम हो.
सॉल्यूबल फर्टिलाइजर इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव चक्रवर्ती ने बताया कि उर्वरक पर कर ढांचे में सुधार से किसानों की कार्यशील पूंजी का बेहतर इस्तेमाल संभव होगा.