Morgan Stanley Report: भारत में घरेलू खपत और मांग को लेकर भविष्य का परिदृश्य अब और भी उज्ज्वल नजर आ रहा है. वैश्विक निवेश फर्म मॉर्गन स्टेनली की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, GST दरों में संभावित कटौती, इनकम टैक्स में राहत, मौद्रिक नीति में नरमी, रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी और वास्तविक वेतन वृद्धि जैसे कई कारकों की वजह से देश में उपभोक्ता खर्च में तेजी आने की संभावना है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी में सुधार से भारत की आर्थिक वृद्धि दर, महंगाई और राजकोषीय संतुलन पर स्पष्ट प्रभाव पड़ सकता है. इसके साथ ही, मौद्रिक नीति पर भी यह सकारात्मक असर डाल सकता है.
शुरुआती दौर में उपभोक्ता खर्च पर असर संभव
हालांकि, रिपोर्ट यह भी संकेत देती है कि नई GST दरों को लेकर स्पष्टता आने तक उपभोक्ता अपने खर्चों को कुछ समय के लिए टाल सकते हैं, जिससे अल्पकालिक अवधि में वॉल्यूम ग्रोथ पर हल्का असर संभव है. लेकिन जैसे ही नई दरें लागू होंगी, स्थगित मांग में सुधार देखने को मिलेगा और उपभोक्ता वस्तुएं सस्ती होने से खपत को मजबूती मिलेगी.
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि अप्रत्यक्ष करों का सीधा संबंध उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति से होता है, ऐसे में कर कटौती से लोगों को राहत मिलेगी.
GDP, महंगाई और राजकोषीय संतुलन पर असर
मॉर्गन स्टेनली के आकलन के अनुसार, यह टैक्स सुधार भारत की GDP पर 0.5 से 0.6% तक का सकारात्मक असर डाल सकता है। साथ ही, महंगाई में 40 बेसिस प्वाइंट तक की गिरावट की संभावना जताई गई है.
हालांकि, सरकार की आय में संभावित कमी के कारण केंद्र और राज्यों के राजकोषीय संतुलन पर दबाव बन सकता है, लेकिन इसकी भरपाई मजबूत आर्थिक विकास और कर संग्रह में बढ़ोतरी से हो सकती है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रत्यक्ष कर कटौती का मल्टीप्लायर इफेक्ट 1.1 है, यानी इससे 50-70 बेसिस प्वाइंट तक की संभावित वृद्धि देखी जा सकती है.
पीएम मोदी का संकेत
रिपोर्ट के आने से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में जीएसटी दरों में बड़े बदलाव का संकेत दिया था. लाल किले से दिए गए अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “इस दिवाली मैं देशवासियों को दोहरी दिवाली का तोहफा दूंगा। आम उपयोग की वस्तुओं पर जीएसटी में भारी कटौती की जाएगी.”
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि जीएसटी दरों की समीक्षा समय की मांग है, और सरकार इसका फायदा आम जनता तक पहुंचाने को लेकर प्रतिबद्ध है.
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