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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
वेंचर-बैक्ड भारतीय स्टार्टअप्स (Venture-backed Indian startups) ने FY25 में IPO, FPO और क्यूआईपी के माध्यम से पब्लिक मार्केट से 44,000 करोड़ रुपए (5.3 अरब डॉलर) से अधिक जुटाए. रेनमेकर ग्रुप की रेनगेज इंडेक्स FY25 एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक, पब्लिक मार्केट ने लेट-स्टेज फंडरेजिंग में प्राइवेट कैपिटल को पीछे छोड़ दिया, जिससे विकास पूंजी के प्रमुख स्रोत के रूप में उनकी भूमिका मजबूत हुई.
2021-22 में आईपीओ के लिए एक उत्साहपूर्ण अवधि, 2023 में तीव्र सुधारों और 2024 में रेशनलाइजेशन के बाद, FY25 भारत में स्टार्टअप लिस्टिंग के लिए पहला फुल मार्केट साइकल भी रहा. रिपोर्ट में कहा गया है, यह सब वित्त वर्ष 2025 में भारत में चक्रीय इकोनॉमिक स्लोडाउन की पृष्ठभूमि में हुआ, जिससे कई उपभोक्ता-केंद्रित कंपनियों को मार्जिन में कमी और कमजोर राजस्व गति से जूझना पड़ा. इस वित्त वर्ष में 20,000 करोड़ रुपए से अधिक का सेकेंडरी एग्जिट भी देखा गया क्योंकि प्राइवेट इक्विटी/वेंचर कैपिटल (PE/VC) ने ब्लॉक डील के माध्यम से शुरुआती दांव लगाए.
द रेनमेकर ग्रुप के मैनेजिंग पार्टनर कश्यप चंचानी ने कहा, FY25 ने न केवल भारत में स्टार्टअप लिस्टिंग का परीक्षण किया, बल्कि उन्हें परिपक्व भी किया. चंचानी ने कहा, पब्लिक मार्केट भारत की उभरती कंपनियों के लिए पसंदीदा खेल का मैदान बन गया है। हमने आईपीओ फ्रेंजी, वैल्यूएशन विंटर और अब बुनियादी बातों से प्रेरित एक स्पष्ट पुनर्मूल्यांकन का पूरा चक्र देख लिया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बीच, म्यूचुअल फंड की भागीदारी में वृद्धि हुई और साथ ही रेनमेकर ग्रुप द्वारा तैयार लिस्टेड स्टार्टअप्स के एक समूह रेनगेज इंडेक्स कंपनियों में एवरेज होल्डिंग मार्च 2024 के 10% से बढ़कर मार्च 2025 में 14% हो गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में शुरुआती सुधार और 78,000 करोड़ रुपए से अधिक के रिकॉर्ड एफआईआई आउटफ्लो के बावजूद, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों और भारत के स्थिर मैक्रो संकेतकों के कारण, विदेशी निवेशकों ने चौथी तिमाही तक शानदार वापसी दर्ज करवाई है.