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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
अप्रैल से जून 2025 की तिमाही में भारतीय कॉरपोरेट कंपनियों की समग्र आय में सालाना आधार पर 4 से 6% की वृद्धि दर्ज की गई है. यह जानकारी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (CRISIL) की सोमवार को जारी रिपोर्ट में दी गई है. रिपोर्ट के अनुसार, फार्मास्यूटिकल्स, कम्युनिकेशन सर्विसेज, संगठित रिटेल, एल्युमिनियम और एयरलाइंस जैसे पांच प्रमुख क्षेत्रों ने इस तिमाही में कॉरपोरेट आय वृद्धि में सबसे अधिक योगदान दिया है. विशेष रूप से फार्मास्यूटिकल सेक्टर ने जून तिमाही में 9 से 11% की सालाना आय वृद्धि दर्ज की, जो पिछले 10 तिमाहियों में सर्वाधिक है. इस तेजी की वजह घरेलू बाजार के साथ-साथ निर्यात मांग में सुधार को माना जा रहा है.
FY26 की जून तिमाही में EBITDA में 4% की वृद्धि
FY26 की जून तिमाही में ईबीआईटीडीए में सालाना आधार पर 4% की वृद्धि हुई है. EBITDA मार्जिन में 0.10% से लेकर 0.30% गिर गया है. क्रिसिल इंटेलिजेंस के निदेशक पुशन शर्मा (Pushan Sharma) ने कहा, मानसून के समय से पहले आने और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण अप्रैल-जून की अवधि में कुछ क्षेत्र प्रभावित हुए हैं. उन्होंने आगे कहा, टैरिफ संबंधी चिंताओं से पैदा हुई भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं ने आईटी सेवा क्षेत्र को प्रभावित किया है, जिससे परियोजनाओं में देरी के कारण आय वृद्धि दर में सालाना आधार पर गिरावट दर्ज की गई है.
EPC कंपनियों की आय में 6%, एयरलाइंस में 15% वृद्धि का अनुमान
अत्यधिक इन्वेंट्री की चिंताओं के बावजूद, उच्च खुदरा बिक्री, बढ़ते निर्यात और उत्पाद मिश्रण समायोजन से ऑटो सेक्टर की आय में 4% की वृद्धि होने की उम्मीद है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में आम चुनावों के कम आधार प्रभाव के कारण इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (EPC) कंपनियों में 6% की वृद्धि होने की उम्मीद है. अधिक महंगी सब्सक्रिप्शन योजनाओं के कारण कम्युनिकेशन सर्विसेज कंपनियों की आय में 12% की वृद्धि होने की उम्मीद है. विमानों के कम खड़े होने और नए विमानों के जुड़ने से बढ़ी हुई वॉल्यूम के कारण एयरलाइन की आय में 15% की वृद्धि का अनुमान है.
ग्रामीण मांग में तेजी से FMCG और ट्रैक्टर सेक्टर की आय में उछाल
रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण मांग में वृद्धि ने एफएमसीजी क्षेत्र की वॉल्यूम वृद्धि को बढ़ावा दिया और इससे ट्रैक्टर क्षेत्र में आय वृद्धि दर 17% रही है. खाद्य मंहगाई में नरमी, अनुकूल मानसून और रबी फसलों की अच्छी कटाई के मौसम ने ग्रामीण मांग में फिर से तेजी लाने में योगदान दिया। कम परिचालन व्यय के कारण कम्युनिकेशन सर्विसेज कंपनियों के मार्जिन में वार्षिक आधार पर 290-320 आधार अंकों की वृद्धि की संभावना है.