न्यूयॉर्क में हुए Kotak International India Insight Summit में, कोटक AMC के मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश शाह ने भारत की एक दिलचस्प और दमदार तस्वीर पेश की. उन्होंने कहा कि आने वाले सालों में भारत दुनिया की आर्थिक ग्रोथ का सबसे बड़ा इंजन बनने जा रहा है. उन्होंने बताया कि आज भारत का हिस्सा वैश्विक GDP में करीब 3.5% है लेकिन हम दुनिया की ग्रोथ में 8-10% का योगदान दे रहे हैं. अगर इसे PPPके आधार पर देखें तो भारत का हिस्सा करीब 18% तक पहुंच जाता है.
भारत की आर्थिक उड़ान
भारत ने पिछले पांच सालों में शानदार प्रदर्शन किया है. 2020 से 2025 के बीच भारतीय इक्विटी मार्केट ने औसतन 13.7% की वार्षिक ग्रोथ दर्ज की है जो बाकी उभरते बाजारों से कहीं आगे है. इसी दौरान भारत की अर्थव्यवस्था ने भी बड़ी छलांग लगाई है. सिर्फ दस सालों में भारत 10वें स्थान से चौथे स्थान पर पहुंच गया है और इस साल हमारा GDP $4 ट्रिलियन को पार कर गया है.
भारत की आर्थिक चुनौतियां और उपलब्धियां
हालांकि भारत की प्रति व्यक्ति आय अभी भी $2,940 है और हम दुनिया में 136वें स्थान पर हैं, यह दर्शाता है कि अभी हमें लंबा रास्ता तय करना है. अच्छी खबर यह है कि भारत ने वित्तीय अनुशासन बनाए रखा है. 2008 की सब-प्राइम क्राइसिस और कोविड-19 के प्रभाव के बावजूद, भारत ही एकमात्र बड़ी अर्थव्यवस्था है जिसने अपना Debt-to-GDP अनुपात कम किया है.
विदेशी निवेश के लिए खुला भारत
निलेश शाह ने यह भी कहा कि भारत विदेशी निवेश के लिए खुला है. यही वजह है कि हमारे सबसे बड़े बैंक, एसेट मैनेजमेंट कंपनी, ऑटोमोबाइल, FMCG, टेलीकॉम और इंजीनियरिंग कंपनियों में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है.
भारत की FDI और सोना आयात
पिछले साल भारत ने $81 बिलियन FDI आकर्षित किया, जो वैश्विक निवेश का लगभग 5% है. वहीं, पिछले 25 सालों में भारत ने $500 बिलियन से ज्यादा सोना आयात किया है, जिससे हम धीरे-धीरे कैपिटल एक्सपोर्टर बनने की ओर बढ़ रहे हैं. सीधे शब्दों में कहें तो भारत अब सिर्फ एक उभरती अर्थव्यवस्था नहीं रहा, बल्कि दुनिया की ग्रोथ को आगे बढ़ाने वाला मुख्य इंजन बन चुका है.