भारत की बायोइकोनॉमी में ऐतिहासिक वृद्धि: 2024 में 165.7 अरब डॉलर का कारोबार, 2030 तक 300 अरब डॉलर का लक्ष्य

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

नई दिल्ली: पिछले एक दशक में भारत बायोइकोनॉमी (जैव-आर्थिकी) में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनकर उभरा है. 2014 में जहां यह सेक्टर 10 अरब डॉलर का था, वहीं 2024 में इसका आकार बढ़कर 165.7 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. भारत का लक्ष्य 2030 तक इसे 300 अरब डॉलर तक पहुंचाना है. यह वृद्धि मुख्य रूप से बायोटेक्नोलॉजी, कृषि नवाचार, बायोमैन्युफैक्चरिंग और हेल्थकेयर में हुई प्रगति से संभव हुई है.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की बायोइकोनॉमी के चार प्रमुख उप-क्षेत्र हैं:

  1. बायोइंडस्ट्रियल (47%)
  2. बायोफार्मा (35%)
  3. बायोएग्री (8%)
  4. बायोरिसर्च (9%)

भारत का वैश्विक वैक्सीन दबदबा

भारत ने 2025 में कई महत्वपूर्ण बायोटेक उपलब्धियां हासिल कीं, जिनमें सबसे अहम वैक्सीन निर्माण में अपनी स्थिति को और मजबूत करना था। WHO की ग्लोबल वैक्सीन मार्केट रिपोर्ट के अनुसार, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वैश्विक वैक्सीन मार्केट (कोविड-19 को छोड़कर) में हिस्सेदारी 2021 के 19% से बढ़कर 2023 में 24% हो गई.

यह वृद्धि PCV (प्न्यूमोकोकल), MR (मीजल्स-रुबेला) और Td (टिटनेस-डिप्थीरिया) वैक्सीन्स के उत्पादन में बढ़ोतरी के कारण हुई. वैश्विक वैक्सीन बाजार में 10 प्रमुख कंपनियां 80% सप्लाई करती हैं, जिनमें तीन भारत की कंपनियां हैं: सीरम इंस्टीट्यूट, भारत बायोटेक और बायोलॉजिकल ई भारत ने WHO को 40% वैक्सीन की सप्लाई की, जिसमें अधिकांश हिस्सा घरेलू उपयोग और अफ्रीकी देशों को भेजा गया.


इथेनॉल ब्लेंडिंग में भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि

भारत ने 2025 में पेट्रोल में 20% इथेनॉल ब्लेंडिंग (E20) हासिल कर ली है, जो निर्धारित लक्ष्य से पांच साल पहले है। 2014 में यह दर सिर्फ 1.5% थी.

  • 2014–15 से लेकर जून 2025 तक किसानों को ₹1.21 लाख करोड़ का भुगतान हुआ.
  • 2025 में ही किसानों को ₹40,000 करोड़ का भुगतान होने और भारत को ₹43,000 करोड़ की विदेशी मुद्रा बचत होने का अनुमान है.
  • जुलाई 2025 तक इथेनॉल ब्लेंडिंग से 245 लाख मीट्रिक टन कच्चे तेल का आयात टला और ₹1.44 लाख करोड़ की विदेशी मुद्रा बचाई गई.

यह कार्यक्रम न केवल ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत कर रहा है, बल्कि गन्ना और मक्का जैसी फसलों की खेती को भी टिकाऊ बना रहा है.


बायोटेक नीति और ग्रीन ग्रोथ

केंद्र सरकार ने 24 अगस्त 2024 को भारत की पहली बायोटेक्नोलॉजी नीतिBioE3 Policy (Biotechnology for Economy, Environment, and Employment) को मंजूरी दी. यह नीति भारत को जैव-आर्थिकी, पर्यावरण संरक्षण और रोजगार सृजन में वैश्विक नेतृत्व दिलाने में मदद करेगी.

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