India Manufacturing Warehousing 2025: भारत में मैन्युफैक्चरिंग स्पेस लीजिंग ने 2025 की पहली छमाही (जनवरी-जून) में अब तक का सर्वाधिक स्तर छू लिया है. जेएलएल द्वारा मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में कुल 90 लाख वर्ग फुट क्षेत्र का प्रभावशाली लीजिंग लेनदेन दर्ज किया गया. यह प्रदर्शन 2024 की पहली छमाही के 65 लाख वर्ग फुट की तुलना में 38% अधिक है.
भारत के टॉप 8 शहरों में वेयरहाउसिंग डिमांड में रिकॉर्ड ग्रोथ
वहीं, यदि महामारी-पूर्व 2019 की समान अवधि (16 लाख वर्ग फुट) से तुलना की जाए, तो इसमें 6 गुना से भी ज्यादा की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. भारत के आठ प्रमुख शहरों में वेयरहाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर लगातार मजबूत हो रहा है. ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, इन शहरों में मौजूद कुल 46.3 करोड़ वर्ग फुट वेयरहाउसिंग स्टॉक में से 55% हिस्सेदारी अब ग्रेड-ए सुविधाओं की हो गई है — जो लॉजिस्टिक्स सेक्टर में गुणवत्ता और क्षमता में सुधार को दर्शाता है.
2025 में वेयरहाउसिंग डिमांड में 15% तक की वृद्धि
2025 की पहली छमाही में मार्केट ने 25 मिलियन वर्ग फुट का नेट अब्सॉर्प्शन दर्ज किया है. मौजूदा रफ्तार को देखते हुए, वर्ष के अंत तक यह आंकड़ा 55-57 मिलियन वर्ग फुट तक पहुंचने की संभावना है. यह अनुमान 2024 के कुल 50 मिलियन वर्ग फुट नेट अब्सॉर्प्शन की तुलना में 12-15% की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है.
भारत के इंडस्ट्रियल रियल एस्टेट सेक्टर में बड़ा बदलाव
जेएलएल इंडिया इंडस्ट्रियल एंड लॉजिस्टिक्स हेड योगेश शेवड़े ने कहा, भारत का इंडस्ट्रियल रियल एस्टेट मार्केट एक मूलभूत संरचनात्मक बदलाव का अनुभव कर रहा है, जिसका प्रमाण 2025 की पहली छमाही में सभी लेनदेन में मैन्युफैक्चरिंग लीज का 24% होना है. शेवड़े ने आगे कहा कि भौगोलिक संकेंद्रण भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जहां बेंगलुरु, पुणे, एनसीआर दिल्ली, चेन्नई और मुंबई सामूहिक रूप से भारत की शुद्ध मांग का 90 प्रतिशत हिस्सा रखते हैं.
2025 की पहली छमाही के दौरान शुद्ध मांग में अग्रणी रहा बेंगलुरु
2025 की पहली छमाही के दौरान शुद्ध मांग में बेंगलुरु अग्रणी रहा, उसके बाद पुणे, एनसीआर दिल्ली, चेन्नई और मुंबई का स्थान रहा। इन पांच रणनीतिक बाजारों ने मिलकर भारत की कुल शुद्ध मांग का 90% प्रतिनिधित्व किया, जो देश के औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स परिदृश्य में उनके महत्वपूर्ण महत्व को रेखांकित करता है. थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स सेक्टर 28% के साथ मांग में शीर्ष पर बना हुआ है.
BTS वेयरहाउसिंग की डिमांड बढ़ी
इसके बाद 24% के साथ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का स्थान है, जिसमें ऑटोमोटिव, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और व्हाइट गुड्स उद्योग शामिल हैं. रिपोर्ट के अनुसार, क्वालिटी मैन्युफैक्चरिंग स्पेस की बढ़ती आवश्यकता बिल्ट-टू-सूट (बीटीएस) ट्रांजैक्शन को बढ़ावा दे रही है, जो प्रक्रिया आवश्यकताओं/संचालन से संबंधित किरायेदार सुधारों के कारण मानक वेयरहाउसिंग सुविधाओं से 20-25% अधिक मार्कअप किराया प्राप्त करते हैं.
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