सोलर ओपन एक्सेस क्षमता वृद्धि को लेकर भारत ने शानदार आंकड़े किए पेश, जनवरी-जून अवधि में 3.8 गीगावाट क्षमता जोड़ी: Report

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारत ने सौर ऊर्जा क्षेत्र में एक बार फिर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है. एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, देश ने 2025 की पहली छमाही में 3.8 गीगावाट (GW) सोलर ओपन एक्सेस क्षमता जोड़ी है. इसमें से अकेले दूसरी तिमाही में 2.7 गीगावाट की वृद्धि दर्ज की गई, जो इस सेगमेंट में अब तक की सबसे बड़ी तिमाही बढ़ोतरी मानी जा रही है. मेरकॉम इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की दूसरी तिमाही में महाराष्ट्र सबसे आगे रहा, जिसने कुल ओपन एक्सेस सोलर इंस्टॉलेशन में 30 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया.
2025 की दूसरी तिमाही में परियोजनाओं की स्थापना में तेजी आई क्योंकि डेवलपर्स ने जून में आईएसटीएस शुल्क माफी की समय सीमा से पहले परियोजनाओं को शुरू करने में तेजी दिखाई और कई डेवलपर्स ने माफ़ी की पात्रता सुनिश्चित करने के लिए आंशिक कमीशनिंग का विकल्प चुना. जून 2025 तक, देश में कुल सोलर ओपन एक्सेस क्षमता 24.6 गीगावाट तक पहुंच गई थी.
कर्नाटक कुल सोलर ओपन एक्सेस इंस्टॉलेशन में सबसे आगे रहा, जिसके पास 2025 की दूसरी तिमाही के अंत तक कुल क्षमता का लगभग 24% हिस्सा था. जून 2025 तक महाराष्ट्र और तमिलनाडु क्रमशः 18% और 12% के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर थे. जून 2025 तक अंडर डेवलपमेंट और प्री-कंस्ट्रक्शन स्टेज में सोलर ओपन एक्सेस प्रोजेक्ट 31 गीगावाट से अधिक हो गए.
इसके अलावा, 2025 की पहली छमाही में भारत ने 2.8 गीगावाट की रूफटॉप सोलर क्षमता जोड़ी, जो कि 2024 की पहली छमाही में दर्ज 1.1 गीगावाट की तुलना में 158% अधिक है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 की दूसरी तिमाही में अकेले 1.6 गीगावाट रूफटॉप सोलर क्षमता जोड़ी गई, जो 2025 की पहली तिमाही से 33% और 2024 की दूसरी तिमाही की तुलना में 121% अधिक है.
मेरकॉम इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तेज़ वृद्धि के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण रहे:
  • लंबित रजिस्ट्रेशन मामलों का निपटान
  • नई सोलर प्रणालियों की समय पर चालू होना
  • ‘पीएम सूर्य घर’ पोर्टल की प्रक्रिया में सुधार और सुगमता
इन सभी कारकों ने 2025 की पहली छमाही में रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन को नई ऊंचाई तक पहुंचाया.
2025 की दूसरी तिमाही में रूफटॉप सोलर एडिशन में आवासीय क्षेत्र का योगदान सबसे अधिक रहा, जिसने कुल इंस्टॉलेशन में 74% से अधिक का योगदान दिया, इसके बाद औद्योगिक क्षेत्र का योगदान 19 प्रतिशत से अधिक रहा. देश में जून 2025 तक कुल इंस्टॉल्ड रूफटॉप क्षमता 16.5 गीगावाट दर्ज की गई है, जिसमें गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, केरल और यूपी राज्य शीर्ष राज्य बने हुए हैं.
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