भारत ने वर्ष 2025 में नवंबर तक रिकॉर्ड 44.51 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ी है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में जोड़ी गई 24.72 गीगावाट क्षमता की तुलना में उल्लेखनीय रूप से अधिक है. यह जानकारी केंद्र सरकार ने सोमवार को साझा की. सरकार के अनुसार, नवंबर 2025 तक देश की कुल स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़कर 253.96 गीगावाट हो गई, जबकि नवंबर 2024 में यह 205.52 गीगावाट थी. इस प्रकार, एक वर्ष में कुल स्थापित क्षमता में लगभग 23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.
भारत में 2025 में सोलर और रिन्यूएबल एनर्जी में रिकॉर्ड वृद्धि
देश ने समीक्षा अवधि में 34.98 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता जोड़ी है. यह आंकड़ा पिछले साल की समान अवधि में 20.85 गीगावाट था. नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि देश में जनवरी 2025 में स्थापित सोलर एनर्जी क्षमता के आंकड़े ने 100 गीगावाट का आंकड़ा पार किया था. नवंबर 2025 तक स्थापित सोलर एनर्जी क्षमता बढ़कर 132.85 गीगावाट हो गई है. इसमें पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 41 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.
भारत में पवन ऊर्जा की तेजी
नवंबर 2024 में देश की स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता 94.17 गीगावाट रही थी. पवन ऊर्जा क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति देखने को मिली है. वर्ष 2025 में नवंबर तक 5.82 गीगावाट पवन ऊर्जा क्षमता जोड़ी गई, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह आंकड़ा 3.2 गीगावाट था. मार्च 2025 में ही देश की कुल पवन ऊर्जा स्थापित क्षमता 50 गीगावाट के स्तर को पार कर चुकी थी. इसके बाद नवंबर 2025 तक यह बढ़कर 53.99 गीगावाट हो गई, जो नवंबर 2024 में दर्ज 47.96 गीगावाट क्षमता की तुलना में 12.5 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि को दर्शाती है.
गैर-जीवाश्म ऊर्जा में 50% हिस्सेदारी
सीओपी-26 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत दृष्टिकोण के अनुरूप, केंद्र सरकार 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में कार्य कर रही है. इस दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि जून 2025 में दर्ज की गई, जब देश की कुल स्थापित ऊर्जा क्षमता में गैर-जीवाश्म स्रोतों की हिस्सेदारी 50% तक पहुंच गई. यह उपलब्धि पेरिस समझौते के तहत भारत द्वारा निर्धारित 2030 के एनडीसी लक्ष्य से लगभग पांच वर्ष पहले हासिल कर ली गई है.

