एएंडपी ग्लोबल डेटा के अनुसार, गुरुवार को जारी रिपोर्ट में बताया गया कि एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स इस अक्टूबर में 58.9 रहा, जो यह संकेत देता है कि भारत के सर्विस सेक्टर की ग्रोथ मजबूत बनी हुई है. एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स ने 50 के मानक स्तर और अपने लंबे समय के औसत 54.3 को पार किया. डेटा से जानकारी मिलती है कि मजबूत मांग और हालिया जीएसटी रेट कटौती से गतिविधियों को समर्थन मिलता रहा, लेकिन प्रतिस्पर्धा और भारी बारिश की वजह से विकास की गति सीमित हो गई.
एचएसबीसी की चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा, प्रतिस्पर्धा का दबाव और भारी बारिश के कारण सर्विस सेक्टर की गति कुछ धीमी रही. हालांकि, बावजूद इसके सर्विसेज पीएमआई अभी भी 50 के अपने न्यूट्रल लेवल से ऊपर बना हुआ है. यह अपने लॉन्ग-रन एवरेज से काफी ऊपर रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते महीने अक्टूबर में नए बिजनेस में तेजी से बढ़ोतरी हुई. हालांकि, बाढ़ और बढ़ती प्रतिस्पर्धा की वजह से मांग प्रभावित हुई.
इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार भी बढ़ते रहे, लेकिन इस वर्ष मार्च के बाद यह सबसे धीमी दर रही, जो भारतीय सर्विसेज के लिए मजबूत लेकिन कम होती विदेशी मांग की ओर इशारा करता है. धीमी गति के बावजूद सर्विस प्रोवाइडर्स भविष्य के लिए बिजनेस एक्टिविटी को लेकर आशावादी बने हुए हैं. इस बीच, मजबूत मांग और जीएसटी दर में कटौती के चलते अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी 59.2 तक बढ़ गई। एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स अक्टूबर में 57.7 के सितंबर के स्तर से ऊपर रहा, जो सेक्टर में तेज सुधार को दर्शाता है.
अक्टूबर का 59.2 अगस्त में दर्ज 59.3 से सिर्फ मामूली कम था। प्रांजुल भंडारी ने अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी बढ़ने को लेकर कहा कि बीते महीने मजबूत मांग ने आउटपुट को बढ़ावा दिया. इससे नौकरियों के अवसर पैदा हुए और कंपनियों को नए ऑर्डर मिले.