नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत का सेवा निर्यात 102 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो साल दर साल 14% की वृद्धि को दर्शाता है. रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि सेवा आयात 48 अरब डॉलर रहा, जिसमें 4.2% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई.
FY25 में भारत का कुल व्यापार 1.73 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें 823 अरब डॉलर का निर्यात और 908 अरब डॉलर का आयात शामिल है. प्रमुख निर्यात क्षेत्रों में खनिज ईंधन, विद्युत मशीनरी और न्यूक्लियर रिएक्टर शामिल रहे. विशेष रूप से, विद्युत मशीनरी क्षेत्र में 38.2% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई.
इनऑर्गेनिक केमिकल में 82.1% की देखी गई वृद्धि
शीर्ष आयात वस्तुओं में मिनरल फ्यूल, इलेक्ट्रिकल मशीनरी, पर्ल्स और न्यूक्लियर रिएक्टर शामिल थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि इनऑर्गेनिक केमिकल में 82.1% की वृद्धि देखी गई, जबकि न्यूक्लियर रिएक्टर आयात में 18.1% की वृद्धि हुई. वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में, संयुक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड, ब्रिटेन, चीन और सिंगापुर को भारत के निर्यात में गिरावट आई, जबकि अमेरिका को निर्यात में सालाना आधार पर 27% की वृद्धि देखी गई. इस तिमाही के दौरान, चीन, रूस, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, इराक, सऊदी अरब और सिंगापुर से आयात में वृद्धि हुई.
सितंबर में भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधियां अपेक्षाकृत स्थिर बनी रहीं
आयात प्रवाह में संयुक्त अरब अमीरात से सोने और चीन से इलेक्ट्रॉनिक सामानों की हिस्सेदारी प्रमुख रही. इसी दिन जारी एसएंडपी ग्लोबल के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधियां अपेक्षाकृत स्थिर बनी रहीं, जहां एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) 60.9 के स्तर पर दर्ज किया गया.
एचएसबीसी की मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा कि सेवा क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियां मजबूत बनी रहीं, हालांकि यह अगस्त में देखे गए हालिया उच्च स्तर से थोड़ी कम थीं. उन्होंने कहा, अधिकांश ट्रैकर्स में नरमी आई, लेकिन सर्वेक्षण में ऐसा कुछ भी नहीं दिखा, जिससे पता चले कि सेवाओं में विकास की गति में कोई बड़ी गिरावट आई है.
उन्होंने आगे कहा, इसके बजाय, फ्यूचर एक्टिविटी इंडेक्स मार्च के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जो सेवा कंपनियों के बीच व्यावसायिक संभावनाओं को लेकर बढ़ती आशावाद का संकेत है. रिपोर्ट के अनुसार, पीएमआई रीडिंग ने भारत की सेवा अर्थव्यवस्था में निरंतर स्थिरता का संकेत दिया, जिसे मजबूत मांग, नई व्यावसायिक गतिविधियों और कंपनियों के बीच सकारात्मक दृष्टिकोण का समर्थन प्राप्त है.
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