भारतीय ‘Gift City’ दुनिया का अगला ‘फाइनेंशियल हब’, 49% बिजनेस लीडर्स ने भी माना

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
करीब 49% वरिष्ठ वित्तीय सेवा अधिकारियों का मानना है कि गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंशियल टेक सिटी (गिफ्ट सिटी) भविष्य में एक वैश्विक वित्तीय हब के रूप में उभर सकती है. यह बात सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में सामने आई है. पीडब्ल्यूसी इंडिया द्वारा जुटाए गए आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि देश के बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा (बीएफएसआई) क्षेत्र में गिफ्ट सिटी की भूमिका को लेकर आशावाद लगातार बढ़ रहा है.
गुजरात के गिफ्ट सिटी में बदलाव शीर्षक वाली रिपोर्ट में पाया गया कि 49 प्रतिशत बिजनेस लीडर्स इस शहर में मजबूत विकास संभावनाओं को देखते हैं, जबकि 63% ने वहां रिलोकेट होने या ऑपरेशन स्थापित करने में रुचि व्यक्त की। पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट में ग्लोबल मार्केट्स, फाइनेंशियल इनोवेशन और टेलैंट डेवलपमेंट में गिफ्टी सिटी की बढ़ती भूमिका का जिक्र किया है. पीडब्ल्यूसी इंडिया के अध्यक्ष संजीव कृष्ण ने कहा कि गिफ्ट सिटी भारत के लिए वैश्विक वित्तीय सेवाओं और टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने का एक परिवर्तनकारी अवसर प्रस्तुत करता है.
उन्होंने आगे कहा कि हालांकि इस क्षेत्र ने पहले ही काफी प्रगति कर ली है, लेकिन प्रतिभा की उपलब्धता, लाइफस्टाइल इन्फ्रास्ट्रक्चर और इकोसिस्टम की मैच्योरिटी जैसी चुनौतियों का समाधान इसकी पूरी क्षमता को उजागर करने के लिए महत्वपूर्ण होगा। 200 अधिकारियों के जवाबों पर आधारित सर्वेक्षण से यह भी पता चला कि 77% उत्तरदाताओं का मानना ​​है कि गिफ्ट सिटी में वित्तीय और प्रौद्योगिकी प्रतिभाएं उपलब्ध हैं। हालांकि, ब्लॉकचेन, क्लाउड सिक्योरिटी, रिस्क टेक्नोलॉजी और वैश्विक नियामक अनुपालन जैसे क्षेत्रों में विशेष कौशल की मांग बढ़ रही है.
पीडब्ल्यूसी इंडिया में वित्तीय सेवाओं की पार्टनर और लीडर गायत्री पार्थसारथी ने कहा कि गिफ्ट सिटी वित्तीय सेवाओं और प्रौद्योगिकी दोनों के केंद्र के रूप में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. उन्होंने कहा कि सही नीतिगत समर्थन और नियामक ढांचे के साथ, यह शहर भारत में बीएफएसआई और प्रौद्योगिकी नवाचार की अगली लहर का केंद्र बन सकता है.
पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट के अनुसार, ग्राहक अब गिफ्ट सिटी को केवल एक टैक्स-फ्रेंडली ज़ोन नहीं, बल्कि एक लॉन्ग-टर्म स्ट्रैटेजिक हब के रूप में देख रहे हैं, जो ग्लोबल मार्केट्स को सेवाएं देने और इनोवेशन क्षमताएं विकसित करने के लिए अनुकूल है. यह शहर लगातार उन कंपनियों के लिए प्रयोगशाला बनता जा रहा है, जहां भारतीय और वैश्विक कंपनियां भविष्य के लिए तैयार समाधानों पर सहयोग कर सकती हैं.

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