भारतीय रेलवे ने स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है. नवंबर तक रेलवे ने अपने परिचालन के लिए कुल 898 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित कर ली है. वर्ष 2014 में रेलवे केवल 3.68 मेगावाट सौर ऊर्जा का उपयोग करता था, जो अब बढ़कर 898 मेगावाट तक पहुंच गया है. इस तरह बीते वर्षों में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल लगभग 244 गुना बढ़ा है. रेल मंत्रालय के अनुसार, फिलहाल देशभर के 2,626 रेलवे स्टेशन सौर ऊर्जा से संचालित हो रहे हैं. इससे न केवल रेलवे के बिजली खर्च में उल्लेखनीय कमी आई है, बल्कि पर्यावरण पर पड़ने वाला नकारात्मक प्रभाव भी कम हुआ है.
सौर ऊर्जा के उपयोग की रफ्तार और तेज
रेलवे ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में सौर ऊर्जा के उपयोग की रफ्तार और तेज हुई है. नवंबर तक 318 नए रेलवे स्टेशन सौर ऊर्जा नेटवर्क से जोड़े गए हैं. इसके साथ ही सौर ऊर्जा का उपयोग करने वाले स्टेशनों की कुल संख्या 2,626 हो गई है. कुल शुरू की गई सौर ऊर्जा में से 629 मेगावाट का उपयोग ट्रेनों को चलाने के लिए किया जा रहा है. इससे सीधे तौर पर इलेक्ट्रिक ट्रेनों को बिजली मिलती है. बाकी 269 मेगावाट ऊर्जा का उपयोग स्टेशन की लाइट, वर्कशॉप, सर्विस बिल्डिंग और रेलवे कॉलोनियों के लिए किया जा रहा है.
सौर ऊर्जा से मजबूत हो रही भारतीय रेलवे
सौर ऊर्जा का यह संतुलित और योजनाबद्ध उपयोग पारंपरिक बिजली पर रेलवे की निर्भरता को कम कर रहा है और परिचालन को अधिक प्रभावी बना रहा है. मंत्रालय के अनुसार, रेलवे स्टेशनों, इमारतों और रेलवे की उपलब्ध भूमि पर स्थापित सोलर प्लांट भारतीय रेलवे की बढ़ती बिजली जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. इससे ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती मिल रही है और प्रदूषण में भी उल्लेखनीय कमी आ रही है. ऐसे प्रयास यह दर्शाते हैं कि भारतीय रेलवे वर्ष 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के लिए गंभीर रूप से प्रतिबद्ध है.
2019 से अब तक 7.5 करोड़ यात्रियों का भरोसा
इसी बीच, भारतीय रेलवे की वंदे भारत एक्सप्रेस ने फरवरी 2019 में शुरुआत के बाद से देश में रेल यात्रा की तस्वीर बदल दी है. वर्तमान में देश के प्रमुख शहरों को जोड़ने वाली 164 वंदे भारत ट्रेन सेवाएं संचालित हो रही हैं. ये ट्रेनें यात्रियों को तेज, सुरक्षित और आधुनिक सुविधाओं से युक्त आरामदायक यात्रा का अनुभव देती हैं. वंदे भारत एक्सप्रेस की बढ़ती लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2019 से अब तक 7.5 करोड़ से अधिक यात्री इस हाईटेक ट्रेन में सफर कर चुके हैं.