Indian Railways freight: रेल मंत्रालय की ओर से शनिवार को दी गई जानकारी के अनुसार, भारतीय रेलवे का माल ढुलाई प्रदर्शन देश के आर्थिक ढांचे को मजबूत कर रहा है, जिसके साथ इस वर्ष 19 नवंबर तक कुल लोडिंग 1 बिलियन टन के आंकड़े को पार कर 1020 मिलियन टन तक पहुंच गई है.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, इसमें 505 मिलियन टन के साथ कोयला सबसे बड़ा योगदानकर्ता बन कर उभरा है. इसके बाद 115 मिलियन टन के साथ लौह अयस्क, 92 मिलियन टन सीमेंट, 59 मिलियन टन कंटेनर ट्रैफिक, 47 मिलियन टन पिग आयरन और फिनिश्ड स्टील, 42 मिलियन टन फर्टिलाइजर, 32 मिलियन टन मिनरल ऑयल, 30 मिलियन टन फूडग्रेन, लगभग 20 मिलियन टन स्टील प्लांट के लिए कच्चा माल और 74 मिलियन टन अन्य वस्तुएं शामिल हैं.
पिछले साल से 4.2 मिलियन टन अधिक आकड़ा
डेली लोडिंग 4.4 मिलियन टन के मजबूत आंकड़े के साथ दर्ज की गई है, जो कि बीते वर्ष के 4.2 मिलियन टन से अधिक बना हुआ. यह वृद्धि ऑपरेशनल एफिशिएंसी में सुधार और निरंतर मांग को दर्शाती है.
935.1 मिलियन टन तक पहुंच सकता है आकड़ा
रेल मंत्रालय के रिपोर्ट के मुताबिक, इस वर्ष अप्रैल से अक्टूबर के बीच फ्रेट लोडिंग इस सकारात्मक प्रगति को और भी मजबूत करती है, जिसके 2025 में 935.1 मिलियन टन तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 906.9 मिलियन टन दर्ज किया गया था, जो सालाना आधार पर एक शानदार वृद्धि को दर्शाता है.
वहीं, लगातार बेहतर होते डेली लोडिंग रेट्स के साथ यह निरंतर गति भारतीय रेलवे की भारत के औद्योगिक विस्तार और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को सपोर्ट करने की क्षमता को दर्शाती है.
थोक माल की आवाजाही को रेल पर शिफ्ट करने से अधिक लाभ
मंत्रालय के आधिकारिक बयान के मुताबिक, थोक माल की आवाजाही को रेल पर शिफ्ट करने से व्यावसायिक मानकों से कहीं अधिक लाभ होते हैं. इससे कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद मिलती है. राजमार्गों पर भीड़भाड़ कम होती है और एमएसएमई सहित उद्योगों को ग्रीन लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशन तक पहुंच प्रदान होती है. ये विकास सस्टेनेबल डेवलपमेंट को लेकर भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं.
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