भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी: GST सुधार और मजबूत खपत से बढ़ीं आर्थिक गतिविधियाँ

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

कई हाई-फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स से संकेत मिल रहे हैं कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) में सुधारों के प्रभाव से देश में आर्थिक गतिविधियाँ तेज हुई हैं. वित्त मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी मासिक इकोनॉमिक रिव्यू में यह जानकारी साझा की गई. रिव्यू में बताया गया कि 2025 के सितंबर और अक्टूबर में ई-वे बिल जनरेशन में सालाना आधार पर 14.4% की वृद्धि दर्ज की गई. वहीं, FY26 के अप्रैल से अक्टूबर के दौरान जीएसटी संग्रह में सालाना आधार पर 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जो स्पष्ट करता है कि देश में खपत और कर अनुपालन दोनों में तेजी आई है.

देश की मैन्युफैक्चरिंग अर्थव्यवस्था में तेज उछाल

सरकार ने कहा कि देश की मैन्युफैक्चरिंग अर्थव्यवस्था में भी तेज उछाल देखा गया है. अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) बढ़कर 59.2 हो गया है, जो कि सितंबर में 57.5 पर था. इसकी वजह जीएसटी सुधार, उत्पादकता बढ़ना और टेक्नोलॉजी में निवेश बढ़ना है. इसके अलावा, सर्विस सेक्टर में भी पीएमआई अक्टूबर में 58.9 पर रहा है, जो कि गतिविधियों में बढ़त को दर्शाता है. जब भी पीएमआई 50 से ऊपर होता है, तो गतिविधियों में बढ़त होती है.

डीजल की खपत सालाना आधार पर रही स्थिर

पेट्रोल खपत अक्टूबर में बढ़कर पिछले पांच महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुँच गई, जिसमें सालाना आधार पर 7.4% की वृद्धि देखी गई. वहीं, डीजल की खपत सालाना आधार पर लगभग स्थिर रही, लेकिन यह पिछले चार महीनों में सबसे अधिक रही. पोर्ट कार्गो गतिविधियों में भी तेज बढ़ोतरी देखी गई, अक्टूबर में यह दोहरे अंक में बढ़ी, जो दर्शाता है कि व्यापारिक गतिविधियाँ मजबूती से जारी हैं. रिव्यू में यह भी बताया गया कि कृषि आय में मजबूती के कारण ग्रामीण खपत में सुधार हुआ है, जबकि शहरी खपत भी मजबूत बनी हुई है. विशेषज्ञों के अनुसार, जीएसटी सुधार का पूरा प्रभाव आने वाली दो तिमाहियों में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा.

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