औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) पर आधारित भारत की औद्योगिक वृद्धि दर इस वर्ष जून में 1.5 प्रतिशत रही. यह जानकारी सोमवार को सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों में सामने आई है. रिपोर्ट के अनुसार, इस वृद्धि में सबसे अहम योगदान मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का रहा, जिसने जून 2023 की तुलना में इस वर्ष जून में 3.9% की बढ़त दर्ज की है. यह क्षेत्र देश के विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों से स्नातक होने वाले युवाओं को गुणवत्तापूर्ण रोजगार प्रदान करने में अहम भूमिका निभा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में यह मजबूती रोजगार सृजन के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी गति देने में सहायक सिद्ध हो सकती है.
23 में से 15 उद्योग समूहों में जून में बढ़ोतरी
जून के दौरान औद्योगिक उत्पादन का समग्र सूचकांक पिछले मई महीने में दर्ज 1.2% से अधिक रहा है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के 23 में से 15 उद्योग समूहों में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में जून में वृद्धि सकारात्मक रही है. आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस महीने के लिए शीर्ष तीन सकारात्मक योगदानकर्ताओं में 9.6% की वृद्धि के साथ मूल धातुओं का निर्माण, 4.2% की बढ़त के साथ कोक और रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पादों का निर्माण और मशीनरी और उपकरणों को छोड़कर फैब्रिकेटेड मेटल प्रोडक्ट्स का निर्माण समूह 15.2% की वृद्धि के साथ शामिल हैं.
जून में पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन 3.5% बढ़ा
सरकार की ओर से बताया गया कि उपयोग-आधारित वर्गीकरण के आंकड़े दर्शाते हैं कि पूंजीगत वस्तुओं, जिनमें कारखानों में उपयोग की जाने वाली मशीनें शामिल हैं, का उत्पादन जून में 3.5% बढ़ा है. यह सेगमेंट अर्थव्यवस्था में हो रहे वास्तविक निवेश को दर्शाता है, जिसका भविष्य में रोजगार सृजन और आय पर गुणक प्रभाव पड़ता है. रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर और टीवी सेट जैसे कंज्यूमर ड्यूरेबल वस्तुओं के उत्पादन में इस महीने के दौरान 2.9% की वृद्धि हुई, जो आय में वृद्धि के साथ इन उत्पादों की मांग में वृद्धि को दर्शाता है.
खनन और बिजली उत्पादन में गिरावट
राजमार्गों, रेलवे और बंदरगाहों में लागू की जा रही बड़ी सरकारी परियोजनाओं के चलते बुनियादी ढांचा और निर्माण क्षेत्र में 7.9% की वृद्धि दर्ज की गई. हालांकि, बिजली उत्पादन और खनन क्षेत्र के उत्पादन में इस महीने के दौरान क्रमश: (-) 2.6% और (-) 8.7% की गिरावट आई है. खनन और बिजली क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के सकारात्मक प्रदर्शन को प्रभावित किया.