वित्त वर्ष 2026 तक 7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी भारत की IT flexi staffing: रिपोर्ट

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

उद्योग निकाय इंडिया स्टाफिंग फेडरेशन (आईएसएफ) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के आईटी फ्लेक्सी स्टाफिंग क्षेत्र में वित्त वर्ष 24 से वित्त वर्ष 26 तक 7 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से लगातार वृद्धि होने की संभावना है. आईटी फ्लेक्सी स्टाफिंग बाजार का मूल्य वित्त वर्ष 2024 में 4.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, इसमें 5,97,000 वर्कफोर्स मौजूद था. यह जानकारी इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन (ISF) की भारतीय आईटी स्टाफिंग– सेक्टोरल और राज्य रोजगार रुझान रिपोर्ट 2024 में सामने आई है.

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस प्रमुख वजह

इस रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 38% संगठन मानते हैं कि आईटी फ्लेक्सिबल स्टाफिंग को अपनाने के लिए ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ और ‘प्रतिभा की उपलब्धता’ प्रमुख कारण हैं. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि भारत APAC IT स्टाफिंग मार्केट को बढ़ाते हुए दक्षिण एशिया-प्रशांत (APAC) क्षेत्र में दूसरा सबसे बड़ा प्लेयर है. IT फ्लेक्सी स्टाफिंग उद्योग क्लाइंट संगठनों को अस्थायी या अनुबंधित IT पेशेवरों की आपूर्ति पर ध्यान केंद्रित करता है.

7 प्रतिशत है सीएजीआर

ISF के अध्यक्ष लोहित भाटिया ने कहा, भारत के आईटी फ्लेक्सी-स्टाफिंग क्षेत्र में स्थिर वृद्धि का अनुमान है. वित्त वर्ष 2024 से वित्त वर्ष 2026 तक अनुमानित चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) 7% है. उन्होंने कहा कि आईटी इंडस्ट्री ने पिछली तिमाही से दोबारा से उत्थान के संकेत दिखाने शुरू कर दिए हैं. उन्‍होंने आगे कहा, भारत के निरंतर विकास के तहत देश को फ्लेक्सिबल स्टाफिंग का हब बनाया जाना डिजिटल अर्थव्यवस्था की प्रतिस्पर्धी मांगों को पूरा करने के लिए जरूरी है. क्षेत्रीय विस्तार और फ्लेक्सी स्टाफिंग मॉडल की बढ़ती जरूरत दक्षिण एशिया प्रशांत स्टाफिंग बाजार में एक लीडर के रूप में भारत की भूमिका को दर्शाती है.

वहीं, आईएसएफ के उपाध्यक्ष मनमीत सिंह (Manmeet Singh) ने कहा कि आईटी और आईटी-सक्षम सेवाएं (आईटीईएस) क्षेत्र, वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) के साथ मिलकर आईटी फ्लेक्सी बाजार के आकार का 51 प्रतिशत हिस्सा रखते हैं और 2,96,000 पेशेवरों के फ्लेक्सी वर्कफोर्स को रोजगार देते हैं. इस इंडस्ट्री में जेंडर डायवर्सिटी के मामले में, दिल्ली एनसीआर जेंडर बैलेंस को बढ़ावा देने में सबसे आगे नजर आता है, जहां फ्लेक्सी-स्टाफिंग भूमिकाओं में 55 प्रतिशत पुरुष और 45 प्रतिशत महिला वर्कफोर्स है.

कर्नाटक में महिला श्रम शक्ति भागीदारी दर 37% है, जो भारत के राष्ट्रीय औसत के अनुरूप है. महाराष्ट्र 33% महिला वर्कफोर्स, तेलंगाना 39% महिला वर्कफोर्स और तमिलनाडु 23% महिला वर्कफोर्स के साथ इन राज्यों में महिलाओं की भागीदारी कम नजर आती है.

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