ग्लोबल डीलमेकिंग अनिश्चितताओं के नए दौर के बावजूद खुद को अनुकूल बना रही है, जबकि भारत का एमएंडए परिदृश्य लगातार मजबूती दिखा रहा है, जो निवेशकों के देश की ग्रोथ फंडामेंटल पर भरोसे को दर्शाता है. बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप की सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष की शुरुआत थोड़ी मुश्किल रहने के बाद, ग्लोबल एमएंडए मार्केट ने पुनः गति पकड़ ली है. 2025 के पहले नौ महीनों में, ग्लोबल डील वैल्यू पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 10% बढ़कर 1.9 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई है.
बीसीजी के मैनेजिंग डायरेक्टर और पार्टनर ध्रुव शाह ने क्या कहा ?
मार्केट में उतार-चढ़ाव के बीच यह रिकवरी एक्सपीरियंस्ड डीलमेकर्स के कुछ सेलेक्टेड ग्रुप के अनुशासित, रणनीतिक बेट के कारण दर्ज की गई. बीसीजी के मैनेजिंग डायरेक्टर और पार्टनर ध्रुव शाह ने कहा, जहां एक ओर इस वर्ष 2025 में ग्लोबल डील वैल्यू में कुछ रिकवरी दर्ज की गई है, वहीं भारत महामारी के बाद की रिकवरी के बाद से एवरेज से अधिक ट्रांजैक्शन वॉल्यूम को बनाए रखने में सफल रहा है. ग्लोबल ट्रेंड अधिक डील वैल्यू और कम वॉल्यूम के साथ दिख रहा है,
एनर्जी व हेल्थकेयर सेक्टर में 20-20% की वृद्धि
वहीं, भारत ने डील एक्टिविटी में बढ़त और वैल्यू को लेकर 3% की मामूली गिरावट दर्ज करवाई है, जो सेक्टर्स में एक हेल्दी मार्केट बदलाव को दर्शाता है. रिपोर्ट के अनुसार, इंडस्ट्रियल सेक्टर में ट्रांसपोर्ट और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े ट्रांजैक्शन के चलते बीते साल की तुलना में 77% की वृद्धि दर्ज की गई है. वहीं, टेक्नोलॉजी, मीडिया और टेलीकॉम सेक्टर में 10%, और एनर्जी व हेल्थकेयर सेक्टर में 20-20% की वृद्धि देखी गई.
एआई प्रक्रियाएं डीलमेकर्स के लिए बन रही महत्वपूर्ण टूल
इसके विपरीत, मटेरियल सेक्टर में डील वैल्यू 16% और कंज्यूमर सेक्टर में 17% घट गई_ रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एआई प्रक्रियाएं डीलमेकर्स के लिए महत्वपूर्ण टूल बन रही हैं, क्योंकि ये ड्यू डिलिजेंस को आसान बनाती हैं, ट्रांजैक्शन की एफिशिएंसी बढ़ाती हैं और प्रक्रियाओं को नया आकार देती हैं. हालांकि, प्रतिस्पर्धा से जुड़े लाभ इस पर निर्भर करेंगे कि डीलमेकर्स कितनी जल्दी और तेजी से अपने रोजाना के काम में एआई को इंटीग्रेट करते हैं.