रेटिंग एजेंसी ICRA द्वारा रविवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में वाणिज्यिक और यात्री वाहन क्षेत्रों का आउटलुक FY26 के लिए सकारात्मक बना हुआ है. रिपोर्ट में बताया गया कि जीएसटी दरों में कटौती से इन दोनों सेगमेंट्स में मध्यम स्तर की वृद्धि की उम्मीद की जा रही है. अगस्त 2025 के आंकड़ों के अनुसार, वाणिज्यिक वाहनों की थोक बिक्री में साल-दर-साल 6% की बढ़त हुई है, जबकि खुदरा बिक्री में 3.2% की वृद्धि दर्ज की गई है.
इस कमजोर वृद्धि की वजह जीएसटी कटौती की उम्मीद में बेड़े संचालकों द्वारा खरीद स्थगित करना है. इसके परिणामस्वरूप FY26 के पहले पांच महीनों में थोक बिक्री में 1.3% की मामूली वृद्धि हुई. आईसीआरए ने नए मॉडलों के लॉन्च और नीतिगत राहत के कारण वित्त वर्ष 26 में यात्री वाहनों की बिक्री में 1 से 4% की वृद्धि का अनुमान लगाया है. हल्के वाणिज्यिक वाहनों की खुदरा बिक्री अगस्त में 8.2% और क्रमिक रूप से 0.8% बढ़ी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वृद्धि के बावजूद, सेकेंड हैंड वाहनों के प्रति बढ़ती पसंद और इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों से प्रतिस्पर्धा के कारण एलसीवी ट्रक खंड में चुनौतियां बनी हुई हैं. हाल ही में लंबे मानसून के कारण मांग में आई कमी के बावजूद, मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहनों (एम एंड एचसीवी) की बिक्री में सालाना आधार पर 9.2% की मजबूत वृद्धि देखी गई. बस सेगमेंट में प्रतिस्थापन मांग के कारण 8 से 10 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त में यात्री वाहनों की बिक्री पिछले महीने और पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में कम रही, क्योंकि खरीदारों ने संभावित जीएसटी कटौती की आशंका में खरीदारी स्थगित कर दी थी. यात्री वाहनों के निर्यात में अगस्त में 25% और वित्तीय वर्ष के पहले पांच महीनों में 15% वृद्धि हुई। एसयूवी ने अपना दबदबा बनाए रखा, जो कुल यात्री वाहनों की बिक्री का 65 से 66% था. आईसीआरए ने कहा कि समग्र आर्थिक माहौल, निर्माण और खनन में पुनरुत्थान और त्योहारी सीजन की निरंतर मांग से ऑटोमोबाइल सेगमेंट में बिक्री को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.