भारत के सेवा क्षेत्र (Services Sector) ने अगस्त 2025 में बीते 15 वर्षों की सबसे तेज़ वृद्धि दर्ज की है. यह तेजी सेवा प्रदाताओं को एक दशक में पहली बार कीमतों में तेज़ बढ़ोतरी का अवसर प्रदान कर रही है. यह जानकारी 3 सितंबर को जारी HSBC इंडिया सर्विसेज पीएमआई (Purchasing Managers’ Index) रिपोर्ट में दी गई है, जिसे S&P Global द्वारा संकलित किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2025 में सर्विसेज PMI 62.9 रहा, जो जुलाई 2025 में 60.5 था। गौरतलब है कि PMI जब भी 50 के ऊपर होता है, तो यह विकास (Expansion) को दर्शाता है.
एचएसबीसी के मुख्य भारतीय अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी के अनुसार, नए ऑर्डरों में वृद्धि के कारण, भारत का सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स पिछले महीने पंद्रह वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त में मांग का एक प्रमुख संकेतक नया व्यवसाय जून 2010 के बाद से सबसे तेज दर से बढ़ा. अंतर्राष्ट्रीय मांग में मजबूती आई है और निर्यात ऑर्डरों में 14 महीनों में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई. मजबूत विदेशी मांग ने सर्विस प्रोवाइडर्स को ग्राहकों के लिए कीमतों में और अधिक आक्रामक वृद्धि करने में सक्षम बनाया.
उत्पादन मूल्य मुद्रास्फीति जुलाई 2012 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई और इनपुट लागत नौ महीनों में सबसे तेज दर से बढ़ी. रिपोर्ट में बताया गया कि अगस्त में आगामी वर्ष के लिए व्यावसायिक विश्वास तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जो अनुकूल विज्ञापन खर्च और सकारात्मक मांग पूर्वानुमानों से प्रेरित था.
कंपोजिट PMI अगस्त में 17 वर्षों के उच्चतम स्तर पर
सेवाओं और विनिर्माण को मिलाकर कंपोजिट PMI, अगस्त में बढ़कर 63.2 हो गया, जो जुलाई में 61.1 था. यह 17 वर्षों का उच्चतम स्तर है और भारत की अर्थव्यवस्था के दोनों क्षेत्रों में मजबूत आर्थिक गति को दर्शाता है.
पहली तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 7.8%
वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में भारत की GDP में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई. सेवाओं और विनिर्माण में मजबूत वृद्धि और अनुकूल मानसून की स्थिति के कारण यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बनी हुई है.