जुलाई में IIP पर आधारित औद्योगिक विकास दर 3.5% पर, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने संभाली रफ्तार

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

देश की औद्योगिक विकास दर जुलाई में बढ़कर 3.5 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो बीते चार महीनों का उच्चतम स्तर है. इस तेजी की प्रमुख वजह मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का मजबूत प्रदर्शन रहा है. सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी किए गए आंकड़ों में यह जानकारी दी गई.

जून 2025 में औद्योगिक विकास दर 1.5 प्रतिशत रही थी. सालाना आधार पर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने जुलाई में 5.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह सेक्टर देश के विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों से निकलने वाले युवाओं को गुणवत्तापूर्ण रोजगार उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाता है.

बिजली उत्पादन में मामूली बढ़त, खनन क्षेत्र में गिरावट

जुलाई के दौरान बिजली उत्पादन में 0.6% की मामूली वृद्धि देखी गई है. वहीं, खनन क्षेत्र को मानसूनी बारिश के कारण नुकसान झेलना पड़ा और इसमें (-)7.2% की गिरावट दर्ज की गई.

मैन्युफैक्चरिंग के 23 में से 14 उद्योग समूहों में सकारात्मक ग्रोथ

मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के 23 उद्योग समूहों में से 14 ने जुलाई 2024 की तुलना में इस साल ग्रोथ दिखाई है. इनमें प्रमुख समूह इस प्रकार हैं:

  • बेसिक मेटल्स: 12.7% वृद्धि (स्टील उत्पाद शामिल)

  • इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट्स: 15.9% वृद्धि (स्विचगियर, सर्किट ब्रेकर, ट्रांसफॉर्मर आदि)

  • अन्य नॉन-मेटैलिक मिनरल प्रोडक्ट्स: 9.5% वृद्धि (जैसे सीमेंट)

उपयोग-आधारित वर्गीकरण: पूंजीगत वस्तुओं और ड्यूरेबल्स में उछाल

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पूंजीगत वस्तुओं (कारखानों में इस्तेमाल होने वाली मशीनरी) का उत्पादन जुलाई में 5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बढ़ा. यह संकेत देता है कि औद्योगिक निवेश में तेजी आ रही है, जो भविष्य में रोजगार और आय पर सकारात्मक असर डालेगी.

इसी तरह, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स गुड्स (जैसे रेफ्रिजरेटर, एसी, टीवी आदि) का उत्पादन 7.7 प्रतिशत बढ़ा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आय में बढ़ोतरी के साथ उपभोक्ता मांग में इजाफा हुआ है.

इन्फ्रास्ट्रक्चर और निर्माण क्षेत्र में 11.9% की ग्रोथ

सरकार की बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाएं—जैसे राजमार्ग, रेलवे और पोर्ट्स—का भी औद्योगिक विकास पर सकारात्मक असर पड़ा है. आंकड़ों के अनुसार, इन्फ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन गुड्स से जुड़े उत्पादन में जुलाई के दौरान 11.9 प्रतिशत की दोहरे अंकों की वृद्धि दर्ज की गई.

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