भारत में FY26 की तीसरी तिमाही के दौरान महंगाई दर के एक सीमित दायरे में रहने की संभावना जताई गई है. इस अवधि में मुख्य महंगाई दर 0.4% रह सकती है, जो आरबीआई द्वारा अनुमानित 0.6% से कुछ कम है. यह जानकारी बैंक ऑफ बड़ौदा की सोमवार को जारी रिपोर्ट में सामने आई है. रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की कीमतों में जारी नरमी और मुख्य महंगाई दर में स्थिरता के चलते हाल के दिनों में सब्जियों के दाम बढ़ने के बावजूद उपभोक्ताओं को राहत मिलती रहेगी.
नवंबर में मात्र 0.7% रही खुदरा महंगाई दर
रिपोर्ट में कहा गया कि खुदरा महंगाई दर आरबीआई के महंगाई के लक्ष्य के निचले स्तर से लगातार नीचे बनी हुई है. नवंबर में खुदरा महंगाई दर मात्र 0.7% रही है, जो कि पिछले साल नवंबर में दर्ज महंगाई के आंकड़े 5.5% से काफी कम है. रिपोर्ट के अनुसार महंगाई दर में आई गिरावट का प्रमुख कारण ऊंचा आधार प्रभाव और नवंबर महीने में खाद्य महंगाई का -3.9% पर रहना है. बीते महीने सब्जियों की कीमतों में 22.20% की तेज गिरावट दर्ज की गई, जबकि दालों और उनसे जुड़े उत्पादों के दाम 15.86% तक कम हुए. इसके अलावा मसालों की कीमतों में भी 2.89% की गिरावट देखी गई.
मुद्रास्फीति दर अभी भी 4% से कम
रिपोर्ट में बताया गया है कि दस प्रमुख खाद्य पदार्थों में से पांच में मुद्रास्फीति दर अभी भी 4% से कम है. विशेष रूप से सब्जियों और अंडों में मौसमी कारकों के कारण खाद्य मुद्रास्फीति में कुछ क्रमिक वृद्धि देखी गई, लेकिन बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा कि यह कोई बड़ी चिंता की बात नहीं है. रिपोर्ट में बताया गया है कि दिसंबर की शुरुआत में टमाटर, प्याज और आलू की कीमतों में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
पहले 11 दिनों के दौरान टमाटर के दाम सालाना आधार पर 5.5% बढ़े हैं. हालांकि, कुल मिलाकर इन प्रमुख सब्जियों की कीमतें अभी भी लगभग 25% तक कम बनी हुई हैं, जिसके चलते आगे महंगाई दर में और नरमी आने की संभावना जताई गई है.