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‘खेलो भारत नीति 2025’ को केंद्र सरकार मंजूरी देने वाली है. एक रिपोर्ट के अनुसार, इस नीति को मंजूरी दिए जाने से नए स्टार्टअप के निर्माण और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलने से पर्याप्त आर्थिक मूल्य प्राप्त होगा. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी CareAge Ratings ने एक रिपोर्ट में बताया, यह नीति स्टार्टअप्स के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा देती है, कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (corporate social responsibility) निवेश को प्रोत्साहित करती है, घरेलू विनिर्माण को समर्थन देती है और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देती है.
खेलो भारत नीति 2025 को कैबिनेट की मंजूरी भारत को 2036 के ओलंपिक खेलों की आकांक्षाओं के साथ एक वैश्विक खेल नेता के रूप में स्थापित करेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2001 की नीति की जगह, यह पहल खेल के सामान निर्माण क्षेत्र में विकास को प्रोत्साहित करेगी और उद्योग में कंपनियों के लिए व्यावसायिक अवसरों को बढ़ाएगी. यह नीति निजी संस्थाओं के लिए निवेश पर प्रतिफल (आरओआई) को ध्यान में रखेगी, जिससे खेल विकास में उनकी भागीदारी आकर्षक और टिकाऊ दोनों बनेगी.
खेलो भारत नीति 2025 खेल उपकरणों की मांग को देगी बढ़ावा
खेल उपकरण निर्माण क्षेत्र को मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी राष्ट्रीय योजनाओं के साथ एकीकृत करने पर जोर दिया जाएगा, ताकि बेहतर खेल बुनियादी ढांचा, रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकें और उत्पाद की गुणवत्ता व बाजार में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाई जा सके. केयरएज रेटिंग्स के निदेशक पुनीत कंसल (Puneet Kansal) ने कहा, खेलो भारत नीति 2025 खेल उपकरणों की मांग को बढ़ावा देगी.
भारत में खेल सामग्री निर्माण क्षेत्र को शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में खेल बुनियादी ढांचे के विस्तार से लाभ होगा. इस विस्तार से उद्योग जगत की कंपनियां बढ़ी हुई क्षमता के साथ ज्यादा राजस्व अर्जित कर पाएंगी. उन्होंने बताया कि उद्योग की मांग में अपेक्षित वृद्धि को पूरा करने के लिए मध्यम अवधि में नए विनिर्माण केंद्रों के फलने-फूलने की भी उम्मीद है.