पिछले दिनों अमेरिका (America) ने भारत से निर्यात किए जाने वाले आमों की 12 खेपों को अस्वीकार कर दिया था. लेकिन अब खबरें आ रही हैं कि निर्यात में फिर से इजाफा होने लगा है. इसके साथ ही मुंबई स्थित अहम मैंगो ट्रीटमेंट फैसिलिटी में इरैडीऐशन ऑपरेशंस (Irradiation Operations) भी सामान्य तरीके से काम करने लगे हैं. इस महीने की शुरुआत में मुंबई स्थित इस सेंटर पर उस पर आम के निर्यात में बाधा पैदा हुई थी जब डाटा रिकॉर्डिंग में एक गलती की वजह से संचालन ठप हो गया था.
डाटा एरर की वजह से ठप निर्यात
मुंबई स्थित इरैडिएशन फैसिलिटी सेंटर पर 8 और नौ मई को अमेरिकी अथॉरिटीज ने आम (Mango) की 12 खेपों को रेडिएशन प्रॉसेस सही से न होने की वजह से अस्वीकार कर दिया था. इस फैसले को भारत के निर्यातकों के लिए एक बड़ा झटका माना गया था. अधिकारियों के हवाले से इकोनॉमिक टाइम्स ने बताया है कि 10 मई से आमों का निर्यात फिर से शुरू हो गया है. एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि बाकी दो इरैडिएशन फैसिलिटी सेंटर्स पर कोई भी असर नहीं पड़ा है. बताया जा रहा है कि अथॉरिटीज इस बात का पता लगाने में जुट गई हैं कि एरर की वजह क्या थी. फैसिलिटी मैनेजमेंट के सीनियर लेवल पर इसकी जांच की जा रही है.
Airports पर रिजेक्ट शिपमेंट
पहले आई रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी अधिकारियों ने निर्यात के दौरान डॉक्यूमेंटेशन प्रॉसेस में चूक के चलते भारतीय आमों की शिपमेंट्स को रिजेक्ट कर दिया है. बताया जा रहा था कि लॉस एंजिल्स, सैन फ्रांसिस्को और अटलांटा एयरपोर्ट्स पर अधिकारियों ने इन खेपों को लेने से इनकार कर दिया था. भारत की तरफ से अमेरिका को को-ऑपरेटिव सर्विस एग्रीमेंट के तहत आमों का निर्यात किया जाता है. भारत की एपीडा और अमेरिका के एनिमल एंड प्लांट हेल्थ इनस्पेक्शन सर्विस (APHIS) के बीच हुए समझौते के बाद आमों का निर्यात होता है.
निर्यात में 130% इजाफा
प्लान के तहत आमों को भारत के रजिस्टर्ड बागों से खरीदा जाता है. इसके बाद इन्हें ग्रेड दिया जाता है और मान्यता प्राप्त पैक हाउसेज में इन्हें छांटा जाता है. पहले गर्मी पानी से फंगा को साफ किया जाता है और फिर अंत में अमेरिकी कृषि विभाग के इरैडिएशन फैसिलिटीज में इन्हें निर्यात की मंजूरी दी जाती है. वर्तमान समय में ऐसी तीन फैसिलिटीज काम कर रही हैं. भारत को अमेरिका निर्यात किए जाने वाले आमों की संख्या में इजाफा हुआ है और यह 130% तक पहुंच गया है. निर्यात वैल्यू साल 2022-23 में 4.36 लाख डॉलर थी. साल 2023-24 में यह आंकड़ा बढ़कर 10.01 लाख डॉलर पर पहुंच गया है. भारत दुनिया में आमों के निर्यात के मामले में छठा सबसे बड़ा निर्यातक देश है.