देश के कुल निर्यात में बढ़कर 48.55% हुई MSME की हिस्सेदारी: केंद्र

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद को जानकारी दी कि देश के कुल निर्यात में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्रों का योगदान वित्त वर्ष 2024-25 में बढ़कर 48.55 प्रतिशत हो गया है, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह 45.74 प्रतिशत था. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने एक लिखित उत्तर में बताया कि सरकार ने एमएसएमई सहित अन्य क्षेत्रों से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए निर्यात संवर्धन मिशन (ईपीएम) को मंजूरी दी है. इसके अंतर्गत, निर्यात प्रोत्साहन के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी, जो एमएसएमई निर्यातकों के लिए व्यापार वित्त सुविधा पर केंद्रित है.

जीएसटी सुधारों से एमएसएमई को मिलेगी मजबूती

आगे बताया, इसी तरह से इस योजना में सरकार निर्यात दिशा, निर्यात-गुणवत्ता और अनुपालन सहायता, बाजार-पहुंच हस्तक्षेप, लॉजिस्टिक सुविधा और निर्यात व्यवस्था निर्माण के उपायों सहित गैर-वित्तीय सहायता प्रदान करेगी. इसके अतिरिक्त, मंत्री ने कहा, हाल ही में किए गए व्यापक जीएसटी सुधारों से MSME को मजबूती मिलेगी. कम जीएसटी दरों ने कच्चे माल और सेवाओं को अधिक किफायती बना दिया है, जिसने छोटे और मध्यम उद्यमों और स्टार्ट-अप्स को परिचालन बढ़ाने, इनोवेशन में निवेश करने और घरेलू और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए प्रेरित किया है.

सरकार ने उठाए कई महत्वपूर्ण कदम

केंद्रीय मंत्री के अनुसार, सरकार ने वैश्विक मूल्य श्रृंखला में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. इनमें पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान, राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (एनएलपी), ऋण गारंटी योजना और सूक्ष्म एवं लघु उद्यम- क्लस्टर विकास कार्यक्रम (एमएसई-सीडीपी) जैसी योजनाएं शामिल हैं. पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान ने मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स के लिए व्यापक और एकीकृत योजना को संभव बनाया है, जबकि राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति का उद्देश्य लागत प्रभावी लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के माध्यम से देश की आर्थिक वृद्धि और व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना है.

निर्यातकों को अतिरिक्त ऋण सुविधाएं की जा सकेंगी प्रदान

निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना (सीजीएसई) के अंतर्गत राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड द्वारा सदस्य ऋणदाता संस्थानों को शत-प्रतिशत ऋण गारंटी कवरेज प्रदान किया जाएगा, जिससे एमएसएमई सहित पात्र निर्यातकों को 20,000 करोड़ रुपए तक की अतिरिक्त ऋण सुविधाएं प्रदान की जा सकेंगी. सूक्ष्म एवं लघु उद्यम- क्लस्टर विकास कार्यक्रम (एमएसई-सीडीपी) का उद्देश्य सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई) की उत्पादकता और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना है, ताकि उनके समग्र विकास के लिए क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण अपनाया जा सके. इस योजना के तहत, मौजूदा क्लस्टरों में सामान्य सुविधा केंद्र स्थापित किए जाते हैं और नए या मौजूदा औद्योगिक एस्टेट, क्षेत्रों या फ्लैट फैक्ट्री परिसरों में अवसंरचना सुविधाओं की स्थापना और उन्नयन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है.

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