2025 में भारत के ऑफिस स्पेस लीजिंग मार्केट ने छुआ 59.6 मिलियन स्क्वायर फीट का आंकड़ा

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
2025 के पहले नौ महीनों में भारत के ऑफिस स्पेस लीजिंग मार्केट ने मजबूत प्रदर्शन किया है, जिसमें कुल लीजिंग 59.6 मिलियन स्क्वायर फीट तक पहुंच गई. यह जानकारी एक रिपोर्ट में सोमवार को सामने आई. रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म सीबीआरई साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड के अनुसार, जनवरी से सितंबर के बीच टेक्नोलॉजी कंपनियों ने ऑफिस स्पेस लीजिंग में सबसे बड़ी भागीदारी निभाई. सीबीआरई में भारत, साउथ-ईस्ट एशिया, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका के चेयरमैन और सीईओ अंशुमान मैग्जीन ने कहा, ऑफिस स्पेस लेने वाली कंपनियां फ्यूचर-रेडी ऑफिस की तलाश कर रही हैं.
उच्च-गुणवत्ता वाली संपत्तियों के लिए निरंतर प्राथमिकता से यह गति आगे भी जारी रहेगी. प्रीमियम एसेट्स में निरंतर लीजिंग से रिक्तियों में कमी आने की उम्मीद है. बेंगलुरु ऑफिस लीजिंग में 25 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ शीर्ष पर था. यहां 15.1 मिलियन स्क्वायर फीट की लीजिंग हुई है. इसके बाद मुंबई और दिल्ली-एनसीआर में 10.6 मिलियन स्क्वायर फीट और 10.2 मिलियन स्क्वायर फीट ऑफिस स्पेस की लीजिंग हुई है. इन तीन शीर्ष शहरों की ऑफिस लीजिंग में हिस्सेदारी 61% की रही है. ऑफिस स्पेस लीजिंग में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स की पहले नौ-महीनों में हिस्सेदारी करीब 39% की रही है. बेंगलुरु, पुणे और दिल्ली-एनसीआर की जीसीसी में हिस्सेदारी 67% है.
सीबीआरई इंडिया के प्रबंध निदेशक (लीजिंग) राम चंदनानी ने कहा कि जीसीसी ऑफिस स्पेस लीजिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे, जो 2025 में कुल लीजिंग का 35-40% होगा. उन्होंने आगे कहा, स्थापित कंपनियां बड़े एकीकृत तकनीकी पार्कों में जगह लेना जारी रख रखेंगी, जबकि नए प्रवेशकों द्वारा लचीले स्थानों का लाभ उठाने की उम्मीद है.
हालांकि वर्तमान में अमेरिकी कंपनियां ग्लोबल कैप्टिव सेंटर्स (GCC) के क्षेत्र में अग्रणी बनी हुई हैं, लेकिन EMEA (यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका) तथा APAC (एशिया-प्रशांत) क्षेत्र में रहने वाले उद्यमों की बढ़ती दिलचस्पी से आने वाले समय में मांग का दायरा और विस्तृत होने की संभावना है. रिपोर्ट के अनुसार, 2025 के पहले नौ महीनों में ऑफिस स्पेस की आपूर्ति में सालाना आधार पर 10% की वृद्धि दर्ज की गई, जो बढ़कर 41 मिलियन वर्ग फुट तक पहुंच गई. इस वृद्धि में पुणे, बेंगलुरु और दिल्ली-एनसीआर ने प्रमुख भूमिका निभाई, जिनकी संयुक्त हिस्सेदारी कुल आपूर्ति का 66% रही.
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