चीन के राष्ट्रीय ऊर्जा प्रशासन द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, नवंबर 2025 के अंत तक देश में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की कुल संख्या 193.22 लाख तक पहुँच गई है, जो साल-दर-साल 52% की वृद्धि को दर्शाती है. इनमें...
चीनी उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की सोमवार को जारी जानकारी के अनुसार, इस वर्ष के पहले 11 महीनों में चीन का संचार क्षेत्र लगातार स्थिर प्रदर्शन कर रहा है. आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर के अंत तक देश में...
हम 2025 के अंतिम पड़ाव पर हैं और नया साल 2026 अब कुछ ही दिन दूर है. यह वर्ष भारत की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहा. इस दौरान कई बदलाव और नई घटनाएं सामने आईं, जिन्होंने देश के...
2025 में भारत में आईटी हायरिंग में तेजी, जिसमें GCC और उभरती तकनीकों में टैलेंट की मांग बढ़ी. मध्य-करियर पेशेवरों की हिस्सेदारी बढ़ी, एंट्री-लेवल की मांग 15% रही, और विशेषज्ञ क्षेत्रों में भर्ती प्रक्रिया लंबी हुई.
आईसीआरए एनालिटिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का म्यूचुअल फंड AUM 2035 तक 300 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकता है. SIP और रिटेल निवेश इसकी बड़ी वजह हैं.
आरबीआई के दिसंबर बुलेटिन में कहा गया है कि नवंबर में भारतीय रुपया सीमित दायरे में रहा. डॉलर की मजबूती, एफपीआई निकासी और व्यापार अनिश्चितताओं के बीच भी भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत बना हुआ है.
Gold Silver Price Today: अगर आप सोने चांदी की खरीदारी करने की सोच रहे हैं, या फिर सोने चांदी में निवेश की योजना बना रहे हैं, तो यह आज आपके लिए जरुरी खबर है. बता दें कि सर्राफा बाजार...
देश में रबी फसलों की बुआई तेजी से बढ़ रही है. 19 दिसंबर तक कुल 58.07 मिलियन हेक्टेयर में बुआई हो चुकी है, जिसमें गेहूं, सरसों और दालों में खास बढ़त दिख रही है. विशेषज्ञों के अनुसार मौसम अनुकूल रहने पर इस बार रबी सीजन का उत्पादन बेहतर रहने की संभावना है.
भारत में अप्रैल-अक्टूबर 2025 के दौरान नेट FDI लगभग दोगुना होकर 6.2 अरब डॉलर पहुंच गया, जबकि ग्रॉस इनवर्ड FDI भी बढ़कर 58.3 अरब डॉलर हुआ. वित्तीय सेवाओं, मैन्युफैक्चरिंग, बिजली और कम्युनिकेशन सेक्टर में निवेश प्रमुख रहा. आउटवर्ड FDI के प्रमुख गंतव्य सिंगापुर, अमेरिका और UAE रहे.
इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (IOL) और Safran Electronics & Defense के समझौते से भारत में SIGMA 30N और CM3-MR जैसी अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों का स्थानीय उत्पादन संभव होगा. यह ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारतीय सेना को आधुनिक तकनीक से लैस करने और रक्षा उत्पादन इकोसिस्टम को मजबूत बनाने का बड़ा कदम है.