Pakistani Product Ban in India: भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्तों में तनातनी का माहौल बना हुआ है. ऑपरेशन सिंदूर में जोरदार पटखनी खाए हुआ पाकिस्कतान उलूल-जुलूल हरकतें करता रहता है. इस बीच, भारत सरकार की गाज ई-कॉमर्स कंपनियों पर गिरी है. सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने ई-कॉमर्स कंपनियों को नोटिस भेजा है. इन कंपनियों में ऐमेजॉन, फ्लिपकार्ट, यूबाय इंडिया, ईटीसी, द फ्लैग कंपनी और फ्लैग कॉरपोरेशन जैसी कई कंपनियां शामिल हैं. इन कंपनियों के प्लेटफॉर्म में भारत में पाकिस्तानी झंडे और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स की बिक्री पर रोक लगा दी है.
केंद्रीय उपभोक्ता मामले के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी. उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट कर लिखा, सीसीपीए ने पाकिस्तानी झंडों और उससे संबंधित सामान की बिक्री को लेकर अमेजन, फ्लिपकार्ट, यूबाय इंडिया, एटसी, द फ्लैग कंपनी और द फ्लैग कॉर्पोरेशन को नोटिस जारी किया है. उन्होंने आगे कहा कि ऐसी असंवेदनशीलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जोशी ने कहा, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों को निर्देश दिया जाता है कि वे ऐसी सभी सामग्री को तुरंत हटा दें और राष्ट्रीय कानूनों का पालन करें.मंत्री ने सभी ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं को देश में व्यापार करते समय भारतीय कानूनों का सख्ती से पालन करने की चेतावनी भी दी.
पिछले हफ्ते सीसीपीए ने उचित डिस्क्लोजर, लाइसेंसिंग जानकारी या इक्विपमेंट टाइप अप्रूवल (ईटीए) के बिना अपने प्लेटफॉर्म पर वॉकी-टॉकी की लिस्टिंग और बिक्री के खिलाफ अमेजन, फ्लिपकार्ट, मीशो और ओएलएक्स जैसे प्रमुख डिजिटल मार्केटप्लेस को 13 नोटिस जारी किए थे. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक, वायरलेस ऑपरेटिंग लाइसेंस की आवश्यकता या लागू कानूनों के अनुपालन के बारे में अनिवार्य और स्पष्ट डिस्क्लोजर के बिना ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर वॉकी-टॉकी बेचे जा रहे हैं. प्रारंभिक विश्लेषण से अमेजन पर लगभग 467, फ्लिपकार्ट पर 314, मेशो पर 489 और ट्रेडइंडिया पर 423 ऐसी लिस्टिंग का पता लगा, जो इस मामले की गंभीरता को दिखाती है.
केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा था कि गैर-अनुपालन वाले वायरलेस उपकरणों की बिक्री न केवल वैधानिक दायित्वों का उल्लंघन करती है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा संचालन के लिए महत्वपूर्ण जोखिम भी पैदा कर सकती है. मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, सभी विक्रेताओं को उपभोक्ता अधिकारों को बनाए रखने और गैरकानूनी व्यापार प्रथाओं को रोकने के लिए लागू नियामक मानकों का सख्ती से पालन करना आवश्यक है.