केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मुंबई के कांदिवली पश्चिम स्थित लोक कल्याण कार्यालय में सोमवार को जनता दरबार का आयोजन किया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने लोगों की समस्याएं सुनीं और उचित कार्रवाई की गई. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, जनता दरबार में लोगों की समस्या के समाधान से संतुष्टि मिलती है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोक कल्याण कार्यालय का उद्देश्य जनता की समस्याओं का समाधान करना और वैध मामलों में सहायता प्रदान करना है.
अतिक्रमण रोकने के लिए कलेक्टर और पुलिस को दिए गए निर्देश
उन्होंने बताया कि वह हर 10 दिन में जनता से मिलते हैं और समस्याओं को सुनकर संबंधित विभागों को कार्रवाई के निर्देश देते हैं. इस दौरान लोगों को न्याय मिलने से मन को संतुष्टि मिलती है. उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि एक महिला के परिजन एयरलाइंस में काम करते थे, उनका एक्सीडेंट हो गया. कंपनी की तरफ से कुछ मुआवजा दिया जाना था, लेकिन इसमें देरी हो रही थी, जिसे तुरंत हल किया गया। स्लम रिहैबिलिटेशन, बीएमसी और पुलिस से जुड़े मुद्दों पर भी कार्रवाई की जा रही है. अवैध कब्जे और मेट्रो क्षेत्र में नए अतिक्रमण को रोकने के लिए कलेक्टर और पुलिस को निर्देश दिए गए हैं.
अधूरे प्रोजेक्ट छोड़ने वाले बिल्डर्स पर हो रही सख्त कार्रवाई
उन्होंने मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर से झुग्गीवासियों को पक्के मकान देने का संकल्प है. इस दिशा में प्रदेश सरकार काम कर रही है. अधूरे प्रोजेक्ट छोड़ने वाले बिल्डर्स पर सख्त कार्रवाई हो रही है और सरकारी एजेंसियां इन्हें पूरा करने के प्रयास में हैं. पीड़ित निमी कुलदीप चौहान ने बताया कि जनता दरबार में वह अपनी समस्या लेकर आई थी. एक बाजार में कोई शौचालय की व्यवस्था नहीं थी. इसके खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई, जिसमें कोई कार्रवाई नहीं की गई. जनता दरबार में 150 लोगों ने इस समस्या पर हस्ताक्षर किए. मुझे उम्मीद है कि मंत्री पीयूष गोयल जल्द ही समस्या से निजात दिलाएंगे.