पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को पुणे मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के फेज-2 के तहत 9,857.85 करोड़ रुपए के बजट के साथ लाइन 4 (खरदी–हडपसर–स्वरगेट–खड़कवासला) और लाइन 4ए (नल स्टॉप–वारजे–माणिक बाग) को मंजूरी दे दी. यह निर्णय पुणे में पब्लिक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क के विकास में महत्वपूर्ण साबित होगा। केंद्र सरकार के अनुसार, लाइन 2ए (वनज़–चांदनी चौक) और लाइन 2बी (रामवाड़ी–वाघोली/विट्ठलवाड़ी) की मंजूरी के बाद यह फेज-2 का दूसरा सबसे बड़ा अप्रूव्ड प्रोजेक्ट है। इस मंजूरी के साथ, पुणे मेट्रो का कुल नेटवर्क 100 किलोमीटर से अधिक लंबा हो जाएगा.
लाइन 4 और 4ए, ईस्ट, साउथ और वेस्ट पुणे में आईटी हब, कमर्शियल जोन, एजुकेशनल इंस्टिट्यूशन और रेजिडेंशियल क्लस्टर को जोड़ने का काम करेगी. लाइन 4 और 4ए 31.636 किलोमीटर लंबी और 28 एलिवेटेड स्टेशनों वाली होगी. पांच वर्ष में पूरी होने वाली योजना की अनुमानित लागत 9,857.85 करोड़ रुपए होगी. इसे केंद्र, महाराष्ट्र सरकार और बाहरी बाइलेटरल/मल्टीलेटरल फंडिंग एजेंसियां मिलकर फंड करेंगी. ये लाइनें पुणे के कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) का एक अहम हिस्सा हैं और खराडी बाईपास और नल स्टॉप (लाइन 2), और स्वर्गेट (लाइन 1) पर ऑपरेशनल और अप्रूव्ड कॉरिडोर के साथ आसानी से जुड़ जाएंगी.
केंद्रीय कैबिनेट के अनुसार, ये लाइनें हडपसर रेलवे स्टेशन पर एक इंटरचेंज प्रदान करेंगी और लोनी-कालभोर तथा सासवड़ रोड की ओर बनने वाले भविष्य के कॉरिडोर से जुड़ेंगी, जिससे मेट्रो, रेल और बस नेटवर्क के बीच सहज मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी. यह प्रोजेक्ट महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (महा-मेट्रो) द्वारा लागू किया जाएगा, जो सभी सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल और सिस्टम संबंधित कार्यों की जिम्मेदारी संभालेगा. कैबिनेट के अनुसार, टोपोग्राफिकल सर्वे और डिटेल्ड डिजाइन कंसल्टेंसी जैसी प्री-कंस्ट्रक्शन गतिविधियाँ पहले से ही चल रही हैं.
अनुमान है कि लाइन 4 और 4ए पर दैनिक यात्रियों की संख्या 2028 में संयुक्त रूप से 4.09 लाख हो जाएगी, 2038 में लगभग 7 लाख, 2048 में 9.63 लाख और 2058 में 11.7 लाख से अधिक हो सकती है. इसमें से, खराडी-खड़गवासला कॉरिडोर पर 2028 में 3.23 लाख यात्री होंगे, जो 2058 तक बढ़कर 9.33 लाख हो जाएंगे, जबकि नाल स्टॉप-वारजे-माणिक बाग स्पर लाइन पर इसी अवधि में यात्रियों की संख्या 85,555 से बढ़कर 2.41 लाख हो जाएगी. पुणे को लाइन 4 और 4ए के जुड़ने से पहले से अधिक मेट्रो ट्रैक उपलब्ध होंगे.
इसके साथ ही शहर को एक तेज़, हरित और बेहतर कनेक्टेड परिवहन भविष्य मिलेगा. ये कॉरिडोर यात्रियों के आने-जाने के समय को कम करने और नागरिकों को सुरक्षित, सस्ता तथा विश्वसनीय परिवहन विकल्प प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं.