रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस) उड़ान के तहत अब तक 3.27 लाख से अधिक उड़ानें संचालित की जा चुकी हैं, जिससे 157 लाख से ज्यादा यात्रियों को लाभ मिला है. यह जानकारी गुरुवार को सरकार की ओर से साझा की गई. सरकार ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में महाराष्ट्र के अमरावती और सोलापुर में नए एयरपोर्ट विकसित कर उनका संचालन भी शुरू कर दिया गया है.
महाराष्ट्र में 34 आरसीएस रूट किए गए चालू
केंद्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि जनवरी 2024 से नवंबर 2025 के समय के दौरान, महाराष्ट्र में 34 आरसीएस रूट चालू किए गए हैं, जो देश भर के अलग-अलग एयरपोर्ट को जोड़ते हैं, जिनमें आदिवासी या पिछड़े जिलों में मौजूद एयरपोर्ट भी शामिल हैं. केंद्रीय मंत्री के अनुसार, आरसीएस योजना के तहत एयरलाइन ऑपरेटरों की भागीदारी बढ़ाने और किराए को किफायती बनाए रखने के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) के साथ कई प्रकार की रियायतें प्रदान की जाती हैं.
4,352 करोड़ रुपए की राशि खर्च
केंद्रीय मंत्री ने बताया, अब तक, इस योजना के तहत चयनित एयरलाइन ऑपरेटरों को वीजीएफ के रूप में सहायता प्रदान करने के लिए 4,352 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है. सरकार उड़ान मार्गों के उपयोग और प्रदर्शन की निगरानी लोड फैक्टर, समय पर उड़ान, विमान तैनाती और सेवा स्थिरता जैसे मानकों के आधार पर करती है, जिनकी नियमित अंतराल पर एक व्यवस्थित निगरानी तंत्र के माध्यम से समीक्षा की जाती है.
मंत्री मोहोल ने कहा कि महाराष्ट्र में ऑपरेशनल उड़ान एयरपोर्ट्स सहित आदिवासी या दूरदराज के जिलों में स्थित एयरपोर्ट का नियमित रूप से मूल्यांकन किया जाता है और निर्धारित प्रदर्शन मानदंडों को पूरा करने वाले मार्गों को ऐसे कम सेवा वाले क्षेत्रों में निरंतर और विश्वसनीय क्षेत्रीय हवाई संपर्क सुनिश्चित करने के लिए समर्थन प्राप्त होता रहता है.
उड़ान भारत की सबसे प्रशंसित उपलब्धियों में से एक
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज उड़ान भारत की सबसे प्रशंसित उपलब्धियों में से एक है, जिसने देश के सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने में समृद्धि का संचार किया है. भारत का नागर विमानन क्षेत्र अधिकांश वैश्विक बाजारों की तुलना में तेज़ी से बढ़ रहा है, जिससे देश अब दुनिया के शीर्ष तीन घरेलू विमानन बाजारों में शामिल हो गया है.
आरसीएस उड़ान योजना के तहत अब तक 649 मार्गों का संचालन शुरू किया गया है, जो 93 बिना सेवा वाले और कम सेवा वाले एयरपोर्ट्स को जोड़ते हैं, जिनमें 15 हेलीपोर्ट और 2 वाटर एयरपोर्ट भी शामिल हैं.

