2026 में भारत में वेतन वृद्धि 9% के आसपास रहने की संभावना है, जो पिछले साल 2025 में मिली 8.9% की वृद्धि से थोड़ा ज्यादा है. यह बात एक रिपोर्ट में मंगलवार को सामने आई, जो बताती है कि वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद रोजगार का बाज़ार मजबूत बना हुआ है. एओन पीएलसी द्वारा संकलित आंकड़ों के मुताबिक, रियल एस्टेट, इंफ्रास्ट्रक्चर और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) में वेतन वृद्धि सबसे ज्यादा देखने को मिलेगी. रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में वेतन में 10.9% की वृद्धि हो सकती है, जबकि एनबीएफसी सेक्टर में यह बढ़ोतरी 10% तक पहुंचने की संभावना है.
ऑटोमोटिव और व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर्स में वेतन वृद्धि
ऑटोमोटिव और व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर्स में वेतन वृद्धि 9.6% रहने का अनुमान है, वहीं इंजीनियरिंग डिजाइन सर्विस में यह बढ़ोतरी 9.7% तक हो सकती है. इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में वेतन में 9.2%, रिटेल में 9.6% और लाइफ साइंस में भी 9.6% की वृद्धि की उम्मीद है. केमिकल्स सेक्टर में वेतन वृद्धि 8.8%, ई-कॉमर्स में 9.2%, फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स में 9.1%, ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर्स में 9.5% रहने की संभावना है. टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म और प्रोडक्ट सेक्टर में वेतन वृद्धि 9.4%, बैंकिंग सेक्टर में 8.6% और टेक्नोलॉजी कंसल्टिंग एवं सर्विसेज में 6.8% रहने का अनुमान है.
रियल एस्टेट और NBFC जैसे प्रमुख क्षेत्र टैलेंट इन्वेस्टमेंट में अग्रणी
एओन के अनुसार, भारत की मजबूत घरेलू खपत, इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश और सहायक नीतिगत उपाय व्यवसायों को विकास और स्थिरता बनाए रखने में मदद कर रहे हैं. एओन में पार्टनर और रिवॉर्ड कंसल्टिंग लीडर रूपांक चौधरी ने कहा, रियल एस्टेट और एनबीएफसी जैसे प्रमुख क्षेत्र टैलेंट इन्वेस्टमेंट में अग्रणी हैं. कंपनियां वैश्विक अनिश्चितता के बीच भी सस्टेनेबल ग्रोथ और वर्कफोर्स स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए पारिश्रमिक के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण अपना रही हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि नौकरी छोड़ने की दर धीरे-धीरे कम होकर 2025 में 17.1% हो गई है, जो 2024 में 17.7% और 2023 में 18.7% थी.
सरल अनुपालन और रेशनलाइज्ड टैक्स रेट एफिशिएंसी को दे रही बढ़ावा
यह एक अधिक स्थिर टैलेंट लैंडस्केप की ओर इशारा करता है, जहां कंपनियां कर्मचारियों को बनाए रखने और भविष्य के लिए एक मजबूत वर्कफोर्स बनाने के लिए अपस्किलिंग और डेवलपमेंट प्रोग्राम में निवेश करने में सक्षम हो रही हैं. एओन के एसोसिएट पार्टनर अमित कुमार ओटवानी ने कहा कि हाल के कर सुधार भारत के बिजनेस एनवायरमेंट को बदल रहे हैं,
खासकर कंज्यूमर गुड्स और ऑटोमोटिव सेक्टर को लाभ पहुंचा रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, सरल अनुपालन और रेशनलाइज्ड टैक्स रेट एफिशिएंसी को बढ़ावा दे रही हैं. जो कंपनियां अपनी पुरस्कार रणनीतियों को इन बदलावों के साथ जोड़ कर चलेंगी, वे टॉप टैलेंट को आकर्षित करने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में होंगी.
यह भी पढ़े: फतेहपुर में हादसाः चालक को आई झपकी, मौत की गहरी नींद सो गई चार लोगों की जिंदगी