सितंबर 2025 में भारत में म्यूचुअल फंड SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) में निवेश 4% बढ़कर 29,361 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो अगस्त में 28,265 करोड़ रुपये था. यह जानकारी शुक्रवार को एएमएफआई (AMFI) द्वारा जारी आंकड़ों से मिली. एसआईपी में यह वृद्धि यह दर्शाती है कि निवेशकों का रुझान अब लंबे समय तक अनुशासित निवेश रणनीति की ओर बढ़ रहा है.
एसआईपी फोलियो की संख्या भी बढ़कर 25.19 करोड़ हो गई है, जो अगस्त में 24.89 करोड़ थी, यह निवेशकों के बढ़ते भरोसे का संकेत है. एएमएफआई के अनुसार, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) भी सितंबर में बढ़कर 75.6 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि अगस्त में यह आंकड़ा 75.2 लाख करोड़ रुपये था.
सितंबर में 30,422 करोड़ रुपए रहा इक्विटी इनफ्लो
एएमएफआई के डेटा के मुताबिक, सितंबर में इक्विटी इनफ्लो 30,422 करोड़ रुपए रहा है, जो कि अगस्त के 33,430 करोड़ रुपए के इनफ्लो के मुकाबले 9 प्रतिशत कम है. आंकड़ों के मुताबिक, गोल्ड ईटीएफ में इनफ्लो 8,363 करोड़ रुपए रहा है, जो कि अगस्त में 2,859 करोड़ रुपए था। इसमें 2.82 गुना की बढ़त देखी गई है. इसकी वजह सोने की कीमतों में तेजी के माना जा रहा है.
सितंबर में नौ नए फंड लॉन्च हुए, जिन्होंने कुल मिलाकर 1,959 करोड़ रुपए जुटाए, जिसमें एक सेक्टोरल फंड, एक हाइब्रिड फंड और अन्य इंडेक्स फंड थे. इसके अतिरिक्त, सितंबर महीने में डेट फंडों से 1.01 लाख करोड़ रुपए का आउटफ्लो दर्ज किया गया, जबकि अगस्त में यह 7,979.83 करोड़ रुपए था.
बीते नौ वर्षों में आठ गुना की हुई बढ़ोतरी
व्हाइटओक कैपिटल म्युचूअल फंड की रिपोर्ट के मुताबिक, एसआईपी भारतीयों के लिए बीते कुछ वर्षों में एक लोकप्रिय निवेश साधन बनकर उभरा है. इस कारण एसआईपी निवेश में बीते नौ वर्षों में आठ गुना की बढ़ोतरी हुई है. यह लगातार बढ़ोतरी एसआईपी और अनुशासित निवेश में बढ़ते लोगों के विश्वास को दिखाती है.
रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त 1996 से लेकर अगस्त 2025 के बीच एसआईपी ने अधिकतम 55.6% और न्यूनतम -24.6% का रिटर्न जनरेट किया है. वहीं, इस दौरान औसत रिटर्न 14-16% का रहा है.