पीएचडीसीसीआई के सीईओ और महासचिव रणजीत मेहता ने बताया कि भारत और दक्षिण अमेरिका के बीच फार्मा, हॉस्पिटल मैनेजमेंट और मेडिकल डिवाइस क्षेत्रों में मजबूत साझेदारी मौजूद है. उन्होंने इंडो-साउथ अमेरिका ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट कॉन्क्लेव के दौरान आईएएनएस से बातचीत में कहा कि पीएचडीसीसीआई ने भारत और साउथ अमेरिकी देशों के बीच यह कॉन्क्लेव आयोजित किया. इस कार्यक्रम में दोनों पक्षों के कारोबारियों की ओर से गहरी रुचि देखने को मिली.
इस कॉन्क्लेव के जरिए पीएचडीसीआई की कोशिश एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार करना है, जो कि उद्योगों की इनबाउंड और आउटबाउंड निवेशकों को सुविधा प्रदान कर सके, जिससे निवेश का प्रवाह आसान हो. मेहता ने बताया कि साउथ अमेरिका कृषि और खाद्य वस्तुओं के प्रसंस्करण में काफी उन्नत है. उनके पास काफी दुर्लभ खनिज भंडार भी हैं. वहीं भारत दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक है और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है.
उन्होंने आगे कहा कि हम फार्मास्यूटिकल्स, अस्पताल प्रबंधन और चिकित्सा उपकरणों सहित अन्य सेक्टर्स में दोनों क्षेत्रों के बीच बहुत सहयोग देखते हैं. क्योंकि दक्षिण अमेरिका भी इन क्षेत्रों को विकसित करना चाहता है, इसलिए हम फार्मास्यूटिकल्स को एक बहुत बड़े अवसर के रूप में देखते हैं. साउथ अमेरिकी देश गुयाना के उच्चायुक्त धर्मकुमार सीरज ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में साउथ अमेरिकी देशों ने काफी तेजी से विकास किया है.
ऐसे प्लेटफॉर्म दोनों क्षेत्रों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. यह कारोबारियों को संबंधित क्षेत्रों की जानकारी देगा और उन्हें नए अवसरों की पहचान करने में मदद करेगा. भारत में चिली के राजदूत ने कहा कि यह प्लेटफॉर्म हमारे देश के बारे में जानकारी साझा करने के लिए बेहद उपयोगी है. इससे उन कारोबारियों को मिलने का अवसर मिलेगा, जो इस क्षेत्र में नए व्यापारिक अवसर तलाश रहे हैं.