दूरसंचार PLI ने 4,305 करोड़ रुपए का निवेश किया आकर्षित: डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर

Shivam
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दूरसंचार क्षेत्र में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (Production Linked Incentive) की लाभार्थी कंपनियों ने सामूहिक रूप से 4,305 करोड़ रुपए का निवेश किया है, जिससे 85,391 करोड़ रुपए की बिक्री हुई है, जिसमें 16,414 करोड़ रुपए का निर्यात (31 मई, 2025 तक) शामिल है. संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर (Dr. Pemmasani Chandrasekar) ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि इस निवेश से 28,067 लोगों को रोजगार भी मिला है. दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए पीएलआई योजना (PLI scheme) का उद्देश्य इस सेक्टर में 12,195 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना है.
दूरसंचार पीएलआई योजना (Telecom PLI Scheme) के तहत कुल 42 कंपनियों को लाभार्थी के रूप में चिन्हित किया गया है. इसके अलावा, 5जी सेवाओं को शुरू करने के लिए, 700 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड सहित अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल दूरसंचार (आईएमटी) के लिए विभिन्न स्पेक्ट्रम बैंडों में एक्सेस स्पेक्ट्रम वर्ष 2022 और 2024 में आयोजित स्पेक्ट्रम नीलामी के माध्यम से दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को आवंटित किया गया है. नीलामी के माध्यम से स्पेक्ट्रम प्राप्त करने वाले सफल बोलीदाताओं को 5जी सहित किसी भी IMT तकनीक को लागू करने की अनुमति है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, डाक विभाग ने डाकघर बचत बैंक सेवाओं के डिजिटलीकरण, डाक जीवन बीमा को कागज रहित और ऑनलाइन प्रणाली में परिवर्तित करने, डाक घर निर्यात केंद्रों की स्थापना और ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग, बीमा और ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ई-कॉमर्स संस्थाओं के साथ सहयोग जैसी नई पहल की हैं. दूरसंचार विभाग ने संचार क्षेत्र में इनोवेशन और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि डिजिटल कम्युनिकेशंस इनोवेशन स्क्वायर योजना के तहत, दूरसंचार विभाग ने स्वदेशी 5जी सहित उन्नत तकनीकों के विकास को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप्स और एमएसएमई द्वारा संचालित 126 परियोजनाओं को 108 करोड़ रुपए के कुल बजटीय परिव्यय के साथ समर्थन दिया है. उन्होंने बताया कि देश की सभी ग्राम पंचायतों (जीपी) को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए भारतनेट परियोजना को चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया जा रहा है और अब तक 2,14,325 जीपी को सेवा के लिए तैयार किया जा चुका है.
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