केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 1,223 लाख मीट्रिक टन अनाज की खरीद की है, जिसके लिए किसानों को सीधे 3.47 लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है. यह जानकारी कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को साझा की. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में एक सवाल का लिखित में जवाब देते हुए कहा कि हर साल सरकार राज्य सरकारों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों की सलाह पर विचार करने के बाद कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर 22 अनिवार्य कृषि फसलों के लिए एमएसपी तय करती है.
बढ़ी हुई एमएसपी से देश के किसानों को हुआ लाभ
उन्होंने बताया कि 2018-19 के केंद्रीय बजट में एमएसपी को उत्पादन लागत के कम से कम डेढ़ गुना स्तर पर रखने के पूर्व-निर्धारित सिद्धांत की घोषणा की गई थी. इसके अनुसार सरकार ने वर्ष 2018-19 से सभी अनिवार्य खरीफ, रबी और अन्य वाणिज्यिक फसलों के लिए एमएसपी में अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के न्यूनतम 50 प्रतिशत लाभ के साथ वृद्धि की है. उन्होंने आगे कहा कि सरकार पहले से निर्धारित खरीद एजेंसियों के माध्यम से कृषि फसलों की खरीद की पेशकश करती है और किसानों के पास अपनी उपज सरकारी एजेंसियों को या खुले बाजार में, जो भी उनके लिए सुविधाजनक हो, बेचने का विकल्प होता है. आंकड़े बताते हैं कि बढ़ी हुई एमएसपी से देश के किसानों को लाभ हुआ है.
सरकार ने किसानों के लाभ के लिए कई अन्य पहल भी की
सरकार ने किसानों के लाभ के लिए कई अन्य पहल भी की हैं, जिनमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना शामिल है, जिसके तहत 2024-25 के दौरान किसानों को 12,256 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है. चौहान ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं, प्रतिकूल मौसम की मार आदि से फसल हानि झेल रहे किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने और किसानों की आय स्थिर करने के लिए खरीफ 2016 से ये दोनों बीमा योजनाएं शुरू की गई थीं. इस योजना के अंतर्गत बुवाई से पहले से लेकर कटाई के बाद तक के नुकसान के लिए व्यापक जोखिम बीमा प्रदान किया जाता है. यह योजना राज्यों और किसानों के लिए स्वैच्छिक भी है.