केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने मंगलवार को मानवीय कौशल और तकनीकी क्षमताओं के बीच पूरक संबंध पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एआई और टेक्नोलॉजी के उद्भव के बाद भी वर्कफोर्स या मानवशक्ति की आवश्यकता हमेशा बनी रहेगी, क्योंकि टेक्नोलॉजी (Technology) का संचालन केवल मनुष्यों द्वारा ही किया जाएगा. मांडविया ने नई दिल्ली में आयोजित तीसरे ग्लोबल इंडस्ट्रियल रिलेशन्स समिट में कहा, उद्योगों को समय के साथ बदलाव लाने और नए विकास को अपनाने की जरूरत है.
नए रोजगार सृजन सुनिश्चित करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपना रही सरकार
मांडविया ने आगे कहा कि सरकार आर्थिक विकास के साथ-साथ नए रोजगार सृजन सुनिश्चित करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपना रही है. उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स हैंडल पर लिखा, तीसरे ग्लोबल इंडस्ट्रियल रिलेशन्स समिट का उद्घाटन किया, जो काम के भविष्य को आकार देना विषय पर एक सामयिक संवाद था. उन्होंने आगे बताया कि समिट में एक मजबूत त्रिपक्षीय संस्कृति को बढ़ावा देने के बारे में बात की, जहां सरकार, नियोक्ता और कर्मचारी मिलकर एक न्यायसंगत, समावेशी और फ्यूचर रेडी वर्कफोर्स के लिए समाधान तैयार करें. मंत्री ने पोस्ट में कहा, भारत एक ऐसे वर्कफोर्स का निर्माण कर रहा है जो कुशल, संरक्षित और उत्पादक है.
टेक्नोलॉजी, जनशक्ति या वर्कफोर्स का नहीं ले सकतीं स्थान
केंद्रीय मंत्री ने उद्योग जगत के नेताओं और नीति निर्माताओं की सभा को संबोधित करते हुए कहा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और टेक्नोलॉजी, जनशक्ति या वर्कफोर्स का स्थान नहीं ले सकतीं. टेक्नोलॉजी या एआई के कारण वर्कफोर्स या नौकरियों को कोई खतरा नहीं है. केंद्रीय मंत्री ने नई रोजगार-आधारित प्रोत्साहन योजना पर कहा कि सरकार ने नए रोजगार सुनिश्चित करने के लिए यह योजना शुरू की है. उन्होंने कहा, यह एक दीर्घकालिक योजना है और भारत को वैश्विक मानकों को पूरा करने के लिए अपने स्वयं के मानक स्थापित करने होंगे.
इस महीने की शुरुआत में ही पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर विशेष जोर देते हुए सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन, रोजगार क्षमता और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना को मंजूरी दी थी. योजना के तहत, जहां पहली बार रोजगार करने वाले कर्मचारियों को एक महीने का वेतन 15,000 रुपए तक मिलेगा, वहीं नियोक्ताओं को अतिरिक्त रोजगार पैदा करने के लिए दो साल की अवधि के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा, साथ ही मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए दो साल के लिए विस्तारित लाभ दिया जाएगा.