वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त 2025 में ई-वे बिलों की कुल संख्या 1.29 करोड़ दर्ज की गई. यह आंकड़ा जुलाई 2025 के बाद दूसरा सबसे बड़ा मासिक रिकॉर्ड है. विशेषज्ञों के मुताबिक, ई-वे बिल की संख्या में यह बढ़ोतरी देश में तेज हो रही व्यापारिक गतिविधियों और माल परिवहन में उछाल को दर्शाती है.
ई-वे बिल प्रणाली, जो वस्तु एवं सेवा कर (GST) के अंतर्गत माल की आवाजाही को ट्रैक करने के लिए उपयोग की जाती है, अब पहले की तुलना में और अधिक प्रभावी और पारदर्शी तरीके से कार्य कर रही है. मौजूदा आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि देश में वाणिज्यिक गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं और ई-वे बिल प्रणाली इससे पारदर्शिता और सुविधा प्रदान कर रही है.
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