यूपी में 8 वर्षों में बढ़े 62 प्रतिशत ट्रैक्टर, किसानों की आय में भी हुआ इजाफा

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
आज के आधुनिक युग में ट्रैक्टर किसानों के लिए जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है. इसकी जरूरत दिनों दिन बढ़ती जा रही है. खेती करने के लिए यह सबसे बड़ा यंत्र है. सरकार की ओर से ट्रैक्टर खरीदने के लिए किसानों को सब्सिडी भी मुहैया कराई जाती है. इसबीच एक ऐसी खबर सामने आई है, जिससे पता चलता है कि किसानों में खुशहाली आ रही है. यूपी में पिछले 8 सालों में 62 फीसदी तक ट्रैक्टरों की संख्या बढ़ी है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, करीब आठ वर्षों में ट्रैक्टर्स की संख्या में डेढ़ गुने से अधिक बढ़ोतरी हो चुकी है.
वित्ती वर्ष 2016-2017 में सूबे में कुल 88,000 ट्रैक्टर थे. वित्ती वर्ष 2024-2025 में यह संख्या बढ़कर 1,42,200 हो गई है. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया, यह बढ़ोत्तरी किसानों की बढ़ती आय और आधुनिक खेती की ओर उनके रुझान का परिणाम है. उन्होंने कहा, “अब ट्रैक्टर केवल खेत जोतने के लिए नहीं रह गए हैं. इन्हें भूमि समतल करने, खाद और कीटनाशकों के छिड़काव, मेड़ बनाने, बीज बोने, आलू की खुदाई, और फसल अवशेष प्रबंधन जैसे कई कामों में इस्तेमाल किया जा रहा है.”

सरकारी सब्सिडी से किसानों को बड़ा लाभ

सरकार द्वारा ट्रैक्टर से चलने वाले कृषि उपकरणों पर लगभग 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है. इससे किसानों की मेहनत और समय दोनों की बचत हो रही है और खेती के काम पहले से कहीं ज्यादा कुशल और कम खर्चीले हो गए हैं. ऐसे प्रयासों से न केवल किसानों की आमदनी बढ़ी है, बल्कि राज्य में ट्रैक्टरों की मांग भी लगातार बढ़ रही है. राष्ट्रीय स्तर पर भी ट्रैक्टरों की बिक्री में जबरदस्त उछाल देखा गया है. मौजूदा वित्तीय वर्ष में देशभर में 10 लाख ट्रैक्टरों की रिकॉर्ड बिक्री होने की उम्मीद है. इससे पहले 2023-24 में 9,39,713 ट्रैक्टर बिके थे, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा था.

किसानों को 2 लाख रुपये में मिल रहा है ट्रैक्टर

उत्तर प्रदेश में केंद्र सरकार की ओर से कस्टम हायरिगं योजना चलाई जा रही है, जिसमें किसानों को एक ट्रैक्टर और दो कृषि यंत्र दिए जाते हैं. खास बात यह है कि 10 लाख की इस स्कीम पर 80% अनुदान दिया जा रहा है, जबकि 2 लाख रुपए किसानों को देना होगा. इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए किसनों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होता है. इसके बाद टोकन लेना होता है. कस्टम हायरिंग योजना ग्रामीण भारत में क्रांति ला रही है. इस योजना के तहत किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र मुहैया कराए जाते हैं, जिससे न केवल उनकी उत्पादकता बढ़ रही है, बल्कि यंत्रों को किराए पर देकर उनकी आय में भी बढ़ोतरी हो रही है.

यूपी बनेगा देश का फूड बास्केट

न्यूज एजेंसी यूनिवार्ता में छपी खबर के अनुसार, ट्रैक्टर के जरिए संचालित होने वाले इन सभी कृषि यंत्रों पर राज्य सरकार करीब 50% अनुदान देती है। इससे श्रम लागत घटती है. कहा जा रहा है कि आने वाले सालों में में किसानों की कमाई और ट्रैक्टर्स की संख्या में बढ़ोतरी होगी। तब उत्तर की पहचान देश के फूड बास्केट के रूप में होगी। राज्य के सीएम सूबे को फूड बास्केट के रूप में बनाना चाहते हैं.

बढ़ सकती है ट्रैक्टरों की बिक्री

FY23 में देश में 9,39,713 ट्रैक्टर बिके। जबकि 2024 में यह आंकड़ा 8,67,597 रहा. इस वर्ष 2025 में 10 लाख ट्रैक्टरों की बिक्री का अनुमान जताया गया है. यह अब तक का रिकॉर्ड होगा. रबी फसल की अच्छी पैदावार, खरीफ में बेहतर मानसून की भविष्यवाणी और तकनीकी जागरूकता ने इस दिशा में सकारात्मक माहौल बनाया है.
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