भारतीय बैंकों में जमा ₹67003 करोड़ के नहीं कोई दावेदार, संसद में चौंकाने वाला खुलासा

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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देश के बैंकों में बड़ी संख्या में ऐसे खाते हैं, जिनमें जमा राशि के अब तक कोई दावेदार सामने नहीं आए हैं. हाल ही में संसद में पेश आंकड़ों के मुताबिक, जून 2025 की तिमाही के अंत तक भारतीय बैंकों में कुल ₹67,003 करोड़ रुपये की राशि अनक्लेम्ड डिपॉजिट के रूप में दर्ज की गई है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) इस सूची में सबसे ऊपर है, जिसके पास कुल अनक्लेम्ड डिपॉजिट का करीब 29% हिस्सा जमा है. यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी (Pankaj Chaudhary) ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर के दौरान साझा की. उनके अनुसार, 30 जून 2025 तक, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में ₹58,330.26 करोड़ और निजी बैंकों में ₹8,673.72 करोड़ की राशि बिना दावेदार के पड़ी हुई है.

एसबीआई के पास सबसे ज्यादा बिना क्लेम वाला पैसा

पब्लिक सेक्टर के बैंकों में एसबीआई 19,329.92 करोड़ रुपये की अघोषित जमा राशि के साथ टॉप पर है, जिसके बाद पंजाब नेशनल बैंक (PNB) 6,910.67 करोड़ रुपये और केनरा बैंक (Canara Bank) 6,278.14 करोड़ रुपये का नंबर है.

प्राइवेट बैंकों में टॉप पर कौन?

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि प्राइवेट बैंकों में आईसीआईसीआई बैंक के पास सबसे अधिक 2,063.45 करोड़ रुपये की अघोषित जमा राशि है, जिसके बाद एचडीएफसी बैंक के पास 1,609.56 करोड़ रुपये और एक्सिस बैंक के पास 1,360.16 करोड़ रुपये की अघोषित जमा राशि है.

आरबीआई की पहल: UDGAM पोर्टल

वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और अदावा जमा राशि प्राप्त करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने UDGAM पोर्टल लॉन्च किया है. यह पोर्टल जमा कर्ताओं या उनके नामित व्यक्तियों को विभिन्न बैंकों में छूटे हुए जमा खातों को खोजने की सुविधा देता है. इस पहल का उद्देश्य निष्क्रिय खातों के बोझ को कम करना और वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाना है.

वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों पर सरकार का रुख

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट किया कि सरकार का वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों के लिए Exchange Traded Funds शुरू करने का कोई इरादा नहीं है. RBI लगातार क्रिप्टोकरेंसी और क्रिप्टो संपत्तियों को लेकर चेतावनियाँ देता रहा है, जिन्हें आर्थिक, कानूनी और सुरक्षा के दृष्टिकोण से जोखिमपूर्ण बताया गया है. 31 मई 2021 को जारी RBI सर्कुलर के अनुसार, बैंकों और वित्तीय संस्थानों को KYC (अपने ग्राहक को जानो), AML (मनी लॉन्ड्रिंग रोधी), CFT (आतंकवाद वित्तपोषण रोकथाम) और PMLA, 2002 के तहत ग्राहक की उचित जांच करनी आवश्यक है.
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