Agnipath Scheme: अग्निवीरों को लेकर सर्वे करा रही सेना, क्या अग्निपथ योजना में होगा बदलाव? जानें

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Agnipath Scheme: भारतीय सैन्‍य सेवाओं में भर्ती की नई प्रक्रिया अग्निपथ योजना में बदलाव हो सकता है. दरअसल, भारतीय सेना इस योजना को लेकर आंतरिक सर्वे करा रही है. हालांकि सर्वे को लेकर सरकार और सेना की ओर से आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा गया है कि ये क्‍यों कराया जा रहा है. सर्वे में सैन्य अधिकारियों, ट्रेनिंग स्टाफ आदि से अग्निवीरों से जुड़े कुछ सवाल किए जा रहे हैं. शायद, सर्वे के जरिए सेना इस योजना के असर के बारे में जानना चाहती है. उम्‍मीद है कि सर्वे इस महीने के अंत तक खत्‍म हो जाएगा.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सेना एक सर्वे करा रही है, जिससे मिलने वाली जानकारी के आधार पर सरकार के समक्ष अग्निपथ योजना में कुछ परिवर्तन की सिफारिशें की जाएंगी.

पूछे जाएंगे ये सवाल

अधिकारियों ने बताया कि सर्वे में मुख्यरूप से 10 तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं. जैसे रिक्रूटर्स को यह बताना होगा कि आवेदकों ने अग्निवीर बनने के लिए मुख्य कारण क्या बताया है. वे सेना में भर्ती के लिए कितने उत्साहित हैं. इसके अलावा, अधिकारियों को यह बताना होगा कि ऑनलाइन एंट्रेंस एग्जाम के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के आवेदक कैसी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. इसके अलावा यह भी अधिकारियों से पूछा जाएगा कि इस योजना के बाद भर्ती प्रक्रिया पर क्या असर पड़ा है.

अग्निवीर और पहले के सैनिकों का फीडबैक

रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वे में यूनिट और सब-यूनिट कमांडर्स को अग्निवीर और योजना से पहले भर्ती हुए जवानों को लेकर भी फीडबैक देना होगा. जैसे क्या उनके बीच कोई प्रतियोगता जैसा माहौल है या फिर उन्‍होंने अग्नवीरों की किन सकारात्मक और नकारात्मक चीजों को देखा है.

2022 में लाई गई अग्निपथ योजना

साल 2022 में अग्निपथ स्‍कीम लागू की गई थी, जिसके तहत भारतीय सेना, एयरफोर्स और नौसेना के लिए जवानों की भर्ती होती है. इस योजना के जरिए सेना के हिस्‍सा बने जवानों को अग्निवीर कहते हैं, जो चार साल तक सेना में अपनी सेवा देंगे. चार साल बाद उनको सेवानिवृत्ति दे दिया जाएगा. हालांकि, इनमें से 25 प्रतिशत अपनी इच्छा से सेवा देने के लिए अप्लाई कर सकते हैं. यह योजना लागू करने के बाद से ही काफी चर्चा में है. अग्निपथ योजना को लेकर उत्तर प्रदेश और बिहार के युवाओं ने बहुत विरोध जताया था.

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